कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर ये तीनों आरोपी कोर्ट के सामने हाजिर नहीं होते तो इनको को फरार घोषित किया जाएगा. कानूनन किसी आरोपी को फरार घोषित किया जाता है तो जांच एजेंसी उसकी प्रॉपर्टी पर कार्रवाई कर सकती है.
Trending Photos
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक घोटाला (PNB Scam) मामले में बुधवार को विशेष न्यायालय ने नीरव मोदी (Nirav Modi) सहित तीन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर 15 जनवरी तक कोर्ट के सामने हाज़िर होने का आदेश दिया है. अगर तीनों आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं होंगे तो उन्हें फरार घोषित किया जाएगा. नीरव मोदी (Nirav Modi) के साथ उसके करीबी निशल मोदी और सुभाष परब के खिलाफ भी विशेष सीबीआई अदालत ने समन जारी कर उन्हें अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर ये तीनों आरोपी कोर्ट के सामने हाजिर नहीं होते तो इनको को फरार घोषित किया जाएगा. कानूनन किसी आरोपी को फरार घोषित किया जाता है तो जांच एजेंसी उसकी प्रॉपर्टी पर कार्रवाई कर सकती है.
गौरतलब है कि पीएमएल कोर्ट गुरुवार को आर्थिक अपराध मामले में नीरव मोदी (Nirav Modi) के फरार होने के संदर्भ में फैसला सुना सकता है. स्पेशल ईडी कोर्ट में ईडी ने नीरव मोदी (Nirav Modi) को फरार घोषित किया जाए ऐसी अर्जी दी थी. पंजाब नेशनल बैंक का घोटाला 12 हज़ार करोड़ का घोटाला है. जाली दस्तावेज के सहारे कर्ज लेने के मामले की जांच एजेंसियां कर रही हैं.
ये भी देखें-:
बंबई हाईकोर्ट में मेहुल चोकसी की याचिका खारिज
भगोड़े हीरा करोबारी मेहुल चोकसी की याचिका बुधवार को Bombay High Court ने खारिज कर दी. चोकसी ने अपनी याचिका में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर विशेष पीएमएलए कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील हितेन वेनेगांवकर ने बताया कि अपने रिश्तेदार नीरव मोदी (Nirav Modi) के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगाने के मामले में आरोपी चोकसी ने 2018 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
पीएनबी को 13,500 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाने के इस मामले में चोकसी के साथ-साथ उसका भांजा नीरव मोदी (Nirav Modi) भी आरोपी है. वेनेगांवकर ने आईएएनएस को बताया, 'ईडी ने नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून (एफईओए) 2018 के तहत चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग को लेकर विशेष पीएमएलए कोर्ट के समक्ष आवेदन किया था.'
इसके बाद चोकसी ने Bombay High Court में याचिका दायर कर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. न्यायमूर्ति बी. पी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस.एस. जाधव की खंडपीठ ने उसकी याचिका खारिज कर दी और अब मामले में विशेष पीएमएलए कोर्ट के समक्ष कार्यवाही जारी रहेगी.
कानून के जानकार बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ 100 करोड़ या उससे अधिक राशि की धोखाधड़ी के आरोप में वारंट जारी किया गया हो और वह देश छोड़कर भाग गया हो और उसने वापस आने से मना कर दिया हो तो जो उसे एफईओए के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है.