Shukra ki Mahadasha: वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान है. इस ग्रह को धन, वैभव, लग्जरी लाइफ का कारक माना जाता है. जिस जातक पर शुक्र देव की कृपा हो जाए तो उसको राजसी जिंदगी जीन को मिलती है.
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Venus Mahadasha: वैसे तो वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह का अपना स्थान है. हर ग्रह जातक को कुछ न कुछ लाभ प्रदान जरूर करते हैं. लग्जरी लाइफ, धन, वैभव, ऐश्वर्य के कारक माने जाने वाले ग्रह शुक्र का भी अपना अलग स्थान है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में शुक्र मजबूत या उच्च के होते हैं, उनको जीवन भर पैसा, विलासिता के लिए तरसना नहीं पड़ता है. हर जातक के जीवन में विभिन्न ग्रहों की महादशा और अंतर्दशा चलती है. इसमें शुक्र की महादशा सबसे लंबी चलती है. उनकी महादशा 20 साल की होती है. ऐसे में जिस जातक की कुंडली में शुक्र उच्च के होते हैं, उनको 20 साल तक राजाओं जैसी जिंदगी जीन को मिलती है.
लाभ
हर इंसान को अपने जीवन में कभी न कभी शुक्र की महादशा का सामना करना पड़ता है. शुक्र उच्च के होने पर जहां शानदार जीवन जीने को मिलता है. उनको सारे भौतिक सुख मिलते हैं और पैसों की तंगी का कभी सामना नहीं करना पड़ता है.
हानि
वहीं, जब शुक्र किसी जातक की कुंडली में कमजोर स्थिति या फिर नीच के होते हैं तो ऐसे लोगों को महादशा की अवधि के दौरान शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक कष्ट उठाने पड़ते हैं. इस दौरान उनको धन की कमी का सामना करना पड़ता है और किसी भी तरह की भोग-विलासिता का सुख नहीं मिलता है.
उपाय
शुक्र की महादशा के दौरान अगर शुक्र कमजोर हो तो कुछ उपाय कर लेने चाहिए. शुं शुक्राय नम: या शुं शुक्राय नम: मंत्र का रोजाना कम से कम 108 बार जाप करें. जरूरत मंद लोगों सफेद रंग की चीज यानी कि दूध, दही, घी, कपूर, सफेद फूल या मोती का दान करें. शुक्रवार को व्रत रखें और मां लक्ष्मी की पूजा कर, उन्हें खीर का भोग लगाएं. हर शुक्रवार को आटा और चीनी मिलाकर चीटियों को खिलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)