Treatment of women by the Taliban: पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का कब्जा होने के बाद लगातार वहां की महिलाओं के अधिकारों की चिंता विश्व व्यापी स्तर बनी हुई है. अब जो रिपोर्ट हम आपको बताने जा रहे हैं वो इस बात कि तस्दीक करती हुई नज़र आएगी की इक्तेदार में आने के बाद तालिबान के जरिए महिलाओं के अधिकारों को लेकर जो दम भरा जा रहा था कि. उनके साथ नाइंसाफी नहीं होगी और इस बार का तालिबान गुड तालिबान है वो तमाम दावों की हवा निकलती हुई नज़र आ रही है. दरअसल तालिबान ने छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने पर बैन लगा दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने छात्राओं को काबुल से कजाकिस्तान और कतर जैसे देशों में हायर एजुकेशन के लिए जाने से मना किया है. सिर्फ छात्रों को ही काबुल से बाहर जाने की इजाजत दी गई है. गौरतलब है कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद सबसे पहले तालिबान ने एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करने शुरू किए. तालिबानी हुकूमत ने लड़कियों के लिए हाई स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए थे. महिलाओं के विरोध के बाद क्लास 6 तक स्कूल खोले गए. हाल ही में अफगानिस्तान के होम मिनिस्टर और तालिबान के को-डिप्टी लीडर सिराजुद्दीन हक्कानी ने हाई स्कूल खोलने का वादा किया था. लेकिन अब हायर एजुकेशन के खिलाफ नया फरमान जारी कर दिया गया है. इतना ही नहीं मार्च में तालिबान ने महिलाओं के अकेले हवाई सफर पर पाबंदी लगा दी थी. इसे लेकर तालिबान ने जो आदेश लागू किया था, उसमें कहा गया था कि महिलाओं को किसी पुरुष की मौजूदगी में ही हवाई यात्रा करने की परमिशन दी जाएगी. तालिबान एक के बाद एक महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदिया लगाता जा रहा है तालिबान हुकूमत ने महिला और पुरुषों के एक ही दिन अम्यूज्मेंट पार्क जाने पर रोक भी लगा दी. यहां तक की परिवार की लड़कियों को लड़कों की तुलना में कम भोजन दिया जा रहा है.