Surya Namaskar For Muslim Community: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सूर्य नमस्कार को लेकर मौलाना सुफियान निजामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के संविधान ने सभी लोगों को यह हक दिया है कि वह अपने-अपने मजहब के तरीकों को अपनाने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मजहब इस्लाम हमें इस चीज की तालीम देता है की हम सिर्फ अल्लाह की इबादत करें, अल्लाह के साथ किसी को शरीक ना करें, जो बात जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से कही गई है कि सूर्य नमस्कार या किसी तरह की इबादत में मुसलमान अपने बच्चों और अपने छात्रों को शरीक होने ना दें, यह बिल्कुल जायज बात है यह बात पहली बार नहीं कही गई है. हर बार कई उलेमा यह बात कह चुके हैं मजहबे-ए- इस्लाम में जो तालीम दी गई है, उसमें यह बात कही गई कि अल्लाह के साथ किसी को शरीक ना करें ना किसी की इबादत करें अब चाहे सूर्य नमस्कार हो या कोई भी ऐसा मामला हो.
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