SIT: आखिर क्यों किया जाता है बड़े-बड़े मामलों में SIT का गठन, और क्यों पड़ी इसकी जरूरत!
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SIT: आखिर क्यों किया जाता है बड़े-बड़े मामलों में SIT का गठन, और क्यों पड़ी इसकी जरूरत!

What is SIT: SIT बिना किसी दबाव में आए हाई प्रोफाइल मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम करती है. पिछले कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया है. लेकिन किसी-किसी मामलों में राज्य सरकारें भी एसआईटी का गठन करती है.

SIT: आखिर क्यों किया जाता है बड़े-बड़े मामलों में SIT का गठन, और क्यों पड़ी इसकी जरूरत!

What is SIT: हाथरस  गैंगरेप, काले धन की जांच, आईपीएल फिक्सिंग, और 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया था. उसे आप और हम SIT यानी  Special Investigation Team के नाम से जानते हैं. आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट SIT का गठन तब करती है, जब उन्हें लगता है कि सरकारी एजेंसियों की जांच में पूरी सच्चाई बाहर नहीं आई है, या फिर सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई जांच में उन्हें कोई कमी नजर आती है. SIT का गठन कई मामलों में राज्य और केंद्र सरकारें भी करती हैं. 

क्या होता है एसआईटी? 
SIT यानी Special Investigation Team इसे देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के द्वारा गठित किया जाता है. SIT में Retired Judge और कुछ विशेषज्ञ रखे जाते हैं. SIT बिना किसी दबाव में आए हाई प्रोफाइल मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम करती है. पिछले कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया है. लेकिन किसी-किसी मामलों में राज्य सरकारें भी एसआईटी का गठन करती है. 

कैसे काम करती है एसआईटी:
सुप्रीम कोर्ट या राज्य सरकार SIT में एक Retired Judge को नियुक्त करती है, जो खुद एक स्पेशल टीम को लीड करते हैं. इस टीम के पास तमाम अधिकार होते हैं. कोई भी इनकी जांच में किसी तरह से कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. SIT की स्पेशल टीम अपनी जांच के मामलों में एजेंसियों और प्रशासन के साथ बात करके एक दूसरे की मदद कर सकती है. SIT के पास जांच को पूरा करने का एक समय सीमा होती है, जिसके बाद वह अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करती है. लेकिन अगर SIT का गठन राज्य सरकार करती है तो वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है. इस रिपोर्ट को देखने के बाद अगर कोर्ट या सरकार को कुछ कमी दिखती है तो कोर्ट या सरकार SIT की रिपोर्ट को नामंजूर भी कर सकती है. वहीं कई बार सुप्रीम कोर्ट अपनी बनाई हुई SIT की टीम की निगरानी भी करता है, और समय-समय पर उनसे वह रिपोर्ट मांगकर उसकी जांच करते हैं कि एसआईटी अपना काम ठीक से कर रही है या नहीं. 

आईपीएल फिक्सिंग में हुई थी एसआईटी गठित: 
SIT जब अपनी रिपोर्ट कोर्ट या सरकार को पेश करती है, तब कोर्ट उनके Recommendations पर उस व्यक्तियों या संस्थाओं पर कानूनी कार्रवाई शुरू करती है. उदाहरण के लिए जब आईपीएल-6 में फिक्सिंग का मामला सामने आया था, तब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस मुकुल मुद्गल की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट ने SIT का गठन किया था.

 

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