Commonwealth Games 2022कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लॉन बॉल इवेंट में गोल्ड हासिल करने के बाद से ही इन चारो महिलाओं की खूब तारीफ हो रही है. भारतीय महिलाओं ने जिस तरह कॉमनवेल्थ गेम्स में झंडा गाड़ा है, वह काबिल-ए-तारीफ है.
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India at Commonwealth games 2022: बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लॉन बॉल इवेंट में भारतीय महिला टीम ने तारीख रकम की है. मंगलवार को भीरतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को हार का मजा चखा कर गोल्ड मेडल अपने देश के नाम किया. इतिहास में ये बहली बार हुआ है जब कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को इस इवेंट में कोई भी मेडल मिला हो. तो आइए हम आपको बताते हैं पर्मिंघम में तिरंगा लहराने वाली इन महिला खिलाड़ियों के बारे में......
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लॉन बॉल इवेंट में अलग-अलग बैकग्राउंड से निकलीं महिलाओं ने बर्मिंघम में भारत का झंडा बुलंद किया. हालांकि लॉन बॉल ये एक ऐसा खेल है जिसे भारत में बहुत ही कम लोग जानते हैं. जिन चार महिलाओं में विदेशी सरजमीन में भारत का नाम रोशन किया है, उनके नाम लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी साकिया हैं.
लवली चौबे झारखंड के कराची की रहने वाली हैं. उनकी उम्र 42 साल है. लवली एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं. उनके पिता कोल इंडिया में कर्मचारी थे, हालांकि अब वह रिटायर हो चुके हैं, जबकि उनकी माता गृहस्थी से जुड़ी रही हैं. जानकारी के मुताबिक, लवली फिलहाल झारखंड पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर तैयान हैं. लवली ने साल 2008 में पहली बार लॉन बॉल्स नेशनल्स में हिस्सा लिया था और गोल्ड मेडल जीता था. कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लॉन बॉल इवेंट में लवली ने ही टीम की कियादत की थी.
पिंकी की पैदाइश दिल्ली में हुई. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स डिग्री हासिल की है. पिंकी फिलहाल दिल्ली के एक स्कूल में फिजिकल एजुकेशन टीचर के तौर पर अपनी खिदमात अंजाम दे रही हैं. उन्हें दिल्ली स्कूल में ही पढ़ाने के दौरान उन्हें बार लॉन बॉल्स के बारे जानकारी मिली थी. फिर उसे कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के लिए इसको तैयार किया गया था. इसके बीद लॉन बॉल्स में उनकी दिलचस्पी बढ़ती गई और आज उन्होंने भारत को गोल्ड दिलाने वाली टीम का हिस्सा बनीं.
रूपा रानी तिर्की झारखंड के रांची की रहने वाली हैं. वह राज्य सरकार में जिला स्पोर्ट्स ऑफिर हैं. रूपा रानी भारत के लिए तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले चुकी हैं. रूपा रानी साल 2009 में बॉल्स चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं.
नयनमोनी साकिया असम के गोलाघाट की रहने वाली हैं. साल 2011 से ही नयनमोनी साकिया असम के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में नौकरी करती हैं. वह एक किसान की बेटी हैं. बात साल 2008 की है जब नयनमोनी साकिया ने वेटलिफ्टिंग में अपने प्रोफोशनल करियर का आगाज किया था, लकिन इसी दौरान उनके पैर में चोट लग गई जिसके बाद उन्हें ये खेल छोड़ना पड़ा.
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लॉन बॉल इवेंट में गोल्ड हासिल करने के बाद से ही इन चारो महिलाओं की खूब तारीफ हो रही है. भारतीय महिलाओं ने जिस तरह कॉमनवेल्थ गेम्स में झंडा गाड़ा है, वह काबिल-ए-तारीफ है. यही वजह है कि लॉन बॉल्स जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं, अब लोग इस खेल के बारे में इंटरनेट पर सर्च करते हुए नजर आ रहे हैं.
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