बलूचिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट से खौफ में शहबाज शरीफ? शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट पर लगाया बैन
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बलूचिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट से खौफ में शहबाज शरीफ? शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट पर लगाया बैन

Pakistan News: पाकिस्तानी सरकार की नीतियों से परेशान होकर बूलच समुदाय के लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट कर रहे थे. जिसपर पाकिस्तान ने बैन लगा दिया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

बलूचिस्तान में हो रहे प्रोटेस्ट से खौफ में शहबाज शरीफ? शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट पर लगाया बैन

Pakistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बहुत उथल-पुथल है. इस प्रांत को अशांत प्रांत कहा जाता है. यहां के लोग पाकिस्तानी सरकार की नीतियों से परेशान हैं और वे आज़ाद होना चाहते हैं. इस बीच पाकिस्तानी सरकार की नीतियों से परेशान होकर बूलच समुदाय के लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट कर रहे थे. जिसपर पाकिस्तान ने बैन लगा दिया है. वहीं, बलूच कार्यकर्ता महरंग बलूच ने शनिवार को एक शांतिपूर्ण धरने का हालिया उदाहरण साझा करते हुए कहा कि सरकार ने प्रोटेस्ट पर बैन लगा दिया है. जिसके बाद पुलिस ने उनके परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

स्टूडेंट की रिहाई की मांग
शांतिपूर्ण धरने की तस्वीरें एक्स पर साझा करते हुए महरंग बलूच ने लिखा, "पाकिस्तान राज्य ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. हब में एक शांतिपूर्ण धरना, जिसका नेतृत्व बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट जुबैर बलूच के परिवार ने किया था, जिसने अपनी रिहाई की मांग की थी, हब पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. एफआईआर में जुबैर के परिवार को निशाना बनाया गया है, जिसमें उसकी 15 साल की बहन महान बलोच, बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के सदस्य और महिलाओं सहित राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हैं." 

समाजिक कार्यकर्ता की रिहाई की मांग
उन्होंने कहा, "इसी तरह, कलात में शांतिपूर्ण धरने के बाद जबरन गायब किए गए अख्तर शाह के परिवार और एक बीवाईसी कार्यकर्ता के खिलाफ कलात शहर पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने एक और एफआईआर दर्ज की है. अख्तर शाह की रिहाई की मांग कर रहे परिवार को उनके संघर्ष को दबाने के प्रयास में अधिकारियों की ओर से धमकियों और डर का सामना करना पड़ा है." 

अचानक गायब हो रहे हैं नौजवान
इसके अलावा, महरंग बलूच ने राज्य की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि जबरन गायब किए गए लोगों को संबोधित करने के बजाय, राज्य शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को अपराधी बना रहा है और बलूच लोगों की न्याय के लिए लड़ाई को दबाने के लिए भय का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा, "ये कार्रवाई राज्य की फासीवादी रणनीति को उजागर करती है." 

लोगों का किया जा रहा है उत्पीड़न
इससे पहले, बलूच कार्यकर्ता महरंग बलूच ने बलूचिस्तान के साथ पाकिस्तान के व्यवहार की निंदा की और एक्स पर लिखा, "जहां संविधान और कानून के बजाय उत्पीड़न और बर्बरता को लागू किया जाता है." उनकी टिप्पणी बलूच "नरसंहार" की तीव्र नीति को उजागर करती है जिसने क्षेत्र को उथल-पुथल में डाल दिया है. बलूचिस्तान में, परिवार और समुदाय जबरन गायब किए गए लोगों और न्यायेतर हत्याओं के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करने के लिए धरना दे रहे हैं. 

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