Islambad News: इस्लामाबाद में 26 नवंबर को सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाबलों और पीटीआई समर्थकों के बीच तीखी झड़पें हुईं. सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन को जल्द ही खत्म कर दिया. शहबाज सरकार के इस कार्रवाई को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है. PTI दावा कर रही इस कार्रवाई में उनके कई कार्यकर्ताओं की मौत हुई है. आइए जानते हैं PTI के इस दावे की क्या है सच्चाई?
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Pakistan News: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी (पीटीआई) की अगुआई में पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan ) की रिहाई के लिए उनके कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. सरकार ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन को जल्द ही खत्म कर दिया. शहबाज सरकार के इस कार्रवाई को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है. सरकार एक तरफ जहां दावा कर रही है उसकी कार्रवाई में एक भी PTI कार्यकर्ता की मौत नहीं हुई है, वहीं PTI अपने कई कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा कर रही है.
26 नवंबर को इस्लामाबाद में मौजूद हजारों PTI समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा की बड़ी कार्रवाई की गई. सरकार का दावा है कि उन्होंने 4,185 पीटीआई प्रदर्शकारियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार लोगों पर जल्द ही पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) में आतंकवाद के आरोप लगाए जाएंगे.
इंफॉर्मेशन मिनिस्टर ने किया ये दावा
इंफॉर्मेशन मिनिस्टर अट्टा तरार ने दावा किया कि इस्लामाबाद में पूर्व पीएम की पार्टी PTI के विरोध प्रदर्शन को तितर-बितर करने और खत्म करने के लिए गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया. अट्टा तरार ने कहा, "पीटीआई ने झूठा प्रचार शुरू किया है, जिसमें दावा किया गया है कि उसके कार्यकर्ता सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए हैं. मैं इस बात की पुष्टि करना चाहता हूं कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने किसी भी तरह के हथियार का इस्तेमाल नहीं किया. पीटीआई सरकार पर झूठा आरोप लगाने की कोशिश कर रही है और गंदी सियासत कर अपने निहित स्वार्थ को पूरा करने की कोशिश कर रही है."
शहबाज शरीफ सरकार का दावा है कि इस्लामाबाद में PTI कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान कोई भी हताहत नहीं हुआ है, पीटीआई के सभी दावे झूठे हैं. सूचना मंत्री ने कहा, "पीटीआई का दावा है कि उसके सैकड़ों कार्यकर्ता मारे गए हैं. मैं उनसे पूछता हूं, उनके डेड बॉडी कहां हैं? हॉस्पिटल्स में कोई डाटा क्यों नहीं है? पीटीआई एक झूठी कहानी चला रही है कि अस्पतालों को रिकॉर्ड छिपाने के लिए मजबूर किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है."
PTI का दावा 12 लोगों की हुई मौत
दूसरी तरफ, इस्लामाबाद विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं के हताहत होने की तादाद के बारे में पीटीआई नेताओं द्वारा अलग-अलग दावे किए गए. इसके बाद पीटीआई के जिम्मेदारों ने पुष्टि की कि उसके कम से कम 12 कार्यकर्ता मारे गए, जबकि सैकड़ों अन्य कार्यकर्ता घायल हो गए. PTI ने मौतों की तादाद के सबूत छिपाने की कोशिश करने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मृतकों के शवों तीन दिन बाद परिवार वालों को दिया गया.
PTI नेता शेख वकास अकरम ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया, "अब तक विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम 12 लोग शहीद हो चुके हैं. अफसरों ने शुरू में मृतकों के डेड बॉडी को परिवारों को सौंपने की इजाजत नहीं दी और शवों को तीन दिन बाद ही परिवारों को दिया गया."
जानें पूरी घटना
बता दें कि, 26 नवंबर को इस्लामाबाद में पाक सुरक्षा बलों और पीटीआई समर्थकों के बीच तीखी झड़पें हुईं. यह तब हुआ जब पीटीआई समर्थकों ने पार्टी के 'अंतिम आह्वान' के लिए भारी बैरिकेडिंग वाले डी-चौक की तरफ कदम बढ़ाया. सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए तीव्र आंसू गैस के कई गोले दागे. सरकार द्वारा देर रात की गई कार्रवाई के बाद पीटीआई के टॉप नेतृत्व और समर्थकों को जल्दबाजी में पीछे हटना पड़ा और इसके बाद अपना विरोध आंदोलन स्थगित कर दिया.