Bahraich Violence: हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहा जमीयत का डेलिगेशन हिरासत में, एकतरफा कार्रवाई के आरोप
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Bahraich Violence: हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहा जमीयत का डेलिगेशन हिरासत में, एकतरफा कार्रवाई के आरोप

Jamiat Ulama- e-Hind Delegation Detained: जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर बहारइच जा रहे है एक डेलिगेशन को आज लखनऊ एयरपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है. इस डेलिगेशन अगुआई मौलाना हकीमुद्दीन कासमी कर रहे थे. शनिवार शाम को जैसे ही मौलाना कासमी लखनऊ एयरपोर्ट उतरे वहां पर पहले से मौजूद यूपी पुलिस और केंद्रीय एजेंसी ने मौलाना कासमी और उनके सहयोगियों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और बहराइच जाने की इजाजत नहीं दी.

Bahraich Violence: हिंसा पीड़ितों से मिलने जा रहा जमीयत का डेलिगेशन हिरासत में, एकतरफा कार्रवाई के आरोप

Bahraich Violence: बहराइच हिंसा मामले में पुलिस और प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने के आरोप लग रहे हैं. पीडब्ल्यूडी विभाग ने इस हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 25 लोगों के घरों को अवैध बताते हुए नोटिस चस्पा कर दिए गए हैं. अब यूपी पुलिस ने बहराइच में दंगा से पीड़ित लोगों की सहायता करने के लिए जा रहे जमीयत उलमा-ए-हिंद के एक डेलिगेशन को हिरासत में ले लिया है.  इसकी जानकारी जमीयत ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर बहारइच जा रहे है इस डेलिगेशन की अगुआई मौलाना हकीमुद्दीन कासमी कर रहे थे. शनिवार शाम को जैसे ही मौलाना कासमी लखनऊ एयरपोर्ट उतरे वहां पर पहले से मौजूद यूपी पुलिस और केंद्रीय एजेंसी ने मौलाना कासमी और उनके सहयोगियों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और बहराइच जाने की इजाजत नहीं दी.

जमीयत उलमा-ए-हिंद अपने पोस्ट में तीन भाषाओं ( हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी ) में एक पोस्ट में लिखा, "जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी की अगुआई में एक डेलिगेशन, जो बहराइच के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों की सहायता के लिए जा रहा था, उसे आज शाम लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरते ही पुलिस एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और बहराइच जाने की इजाजत नहीं दी. डेलिशन में जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के साथ मौलाना ग़यूर कासमी भी शामिल थे."

जमीयत ने की ये मांग
जमीयत ने पुलिस अफसरों की इस कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त और हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत छोड़ने की मांग की. जमीयत ने पोस्ट में आगे लिखा,  "उल्लेखनीय है कि जमीयत का डेलिगेशन दिल्ली से बहराइच के लिए रवाना हुआ था. इस दौरे का मकसद बहराइच के प्रभावित लोगों से मिलना, उनकी हालात की जानकारी लेना और उनकी हर संभव मदद करना था. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने हमेशा मुल्क में शांति, भाईचारे और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का काम किया है, और बिना किसी धार्मिक भेदभाव के हर धर्म, जाति के पीड़ितों की सहायता करना अपना कर्तव्य समझा है."

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क्या है पूरा मामला?
 बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज बाजार में 13 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर मूर्ति वसर्जन के जुलूस के दौरान दो समुदाय के लोग आमने सामने हो गए. इसी दौरान धार्मिक झंडा उतारने को विवाद बढ़ गया. इसी दौरान युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने मौत हो गई. युवक के हत्या के आरोप में गुरुवार को पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इस हिंसा में पुलिस ने 26 और लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है. 

स्थानीय मुसलमानों ने लगाए ये आरोप
इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग ने 25 लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा कि हैं. इसे लेकर मुस्लिम समाज के लोगों में काफी आक्रोश है. मुस्लिम समुदाय का आरोप है पुलिस प्रशासन ने बहराइच में बदले की भावना से इस तरह घरों को अवैध बताकर पोस्टर चस्पा किए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है, बावजूद सरकार बदले की भावना से बुलडोजर से मकान को गिराने में जुटी हुई है.

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