Veer Bal Diwas पर 17 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित, जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन
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Veer Bal Diwas पर 17 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित, जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन

Veer Bal Diwas 2024: हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है. यह दिन सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है. कल पहली बार इस दिन 17 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. 

 

Veer Bal Diwas पर 17 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित, जानें क्यों मनाया जाता है यह दिन

Veer Bal Diwas 2024: ऐसा पहली बार होगा जब राष्ट्रीय बाल पुरस्कार गणतंत्र दिवस की बजाय 26 दिसंबर को दिए जाएंगे. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से पुरस्कृत होने वाले सभी 17 बच्चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी. प्रत्येक विजेता को पदक, प्रमाण पत्र और प्रशस्ति पत्र पुस्तिका दिए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर बाल दिवस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.

भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा विशेष कार्यक्रम
इस बार 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 17 बच्चों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. इनमें 7 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं.
वीर बाल दिवस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम 26 दिसंबर 2024 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. यह दिन युवा दिमागों के पोषण, उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने और उन्हें विकसित भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए प्रेरित करने पर केंद्रित होगा.

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सुपोषित पंचायत योजना का शुभारंभ करेंगे पीएम मोदी
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुपोषित पंचायत योजना का शुभारंभ करेंगे और मार्च पास्ट को हरी झंडी दिखाएंगे. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी उद्घाटन भाषण देंगी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री समेत राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं और गणमान्य व्यक्तियों सहित लगभग 3500 बच्चे भाग लेंगे.

क्यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस
वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है. इन दोनों साहिबजादों ने अत्यंत छोटी उम्र में मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का सामना करते हुए अपनी शहादत दी थी.

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बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह लगभग 7 और 5 वर्ष के थे, जब उन्हें मुगल सेना ने गिरफ्तार किया था. सन् 1705 में 26 दिसंबर को इन महान सपूतों को धर्म नहीं बदलने पर वजीर खान ने उन्हें जिंदा दीवार में चिनवा दिया था. इस शहादत को नमन करने के लिए वीर बाल दिवस मनाया जाता है.

9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की स्मृति में 'वीर बाल दिवस' मनाया जाएगा. इस दिवस को सिख समुदाय में बड़े उत्साह से मनाया जाता है. यह दिन न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए प्रेरणादायक हैं. साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करते हुए इस दिन विशेष कार्यक्रम और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

(आईएएनएस)

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