Panchang: आज है चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग, आज के पंचाग में जानें शनिवार को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त?
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1604693

Panchang: आज है चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग, आज के पंचाग में जानें शनिवार को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त?

Aaj ka Panchang: हिंदू पचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है. पंचांग के माध्यम से ही काल व समय की गणना की जाती है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से एक माह में तीस तिथियां होती हैं, जो दो पक्षों में विभाजित होती हैं. ऐसे में जानें 11 मार्च शनिवार का पंचांग.  

Panchang: आज है चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग, आज के पंचाग में जानें शनिवार को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त?

Aaj ka Panchang 11 March 2023: पंचाग को ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व दिया जाता है. पंचाग के आधार पर ही मांगलिक कार्यों के लिए शुभ समय और सही नक्षत्र के बारे में पता चलता है. इसी आधार पर कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज दिन शनिवार को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है. 
   
आज की तिथि: चुतुर्थी  
आज का वार: शनिवार
आज का पक्ष: कृष्ण
आज का करण: बव
आज का नक्षत्र: चित्रा
आज का योग: ध्रुव

ये भी पढ़ें- Ajj da Hukamnama Sri Darbar Sahib: ਹੁਕਮਨਾਮਾ ਸ੍ਰੀ ਦਰਬਾਰ ਸਾਹਿਬ 11 ਮਾਰਚ 2023

दुष्ट मुहूर्त- 1:42 से 3:16 तक  रहेगा. 
कुलिक- 12:53 से 3:11 तक रहेगा. 
कंटक- 2:45 से 4:22 तक रहेगा. 
यमघण्ट- 8:12 से 10:32 तक रहेगा. 
राहुकाल- 11:24 से 1:43 तक रहेगा. 
यमगंड- 4:03 से 6:15 तक रहेगा.
गुलिक काल- 2:34 से 4:11 तक रहेगा. 

यह होता है पंचाग
सरल भाषा में कहा जाए तो पंचांग महीने की तीस तिथियों से और पांच अंगों से मिलकर बनता है, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण होते हैं पांच अंग वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण. वैसे तो कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 दिन होते हैं तो किसी महीने में 30, लेकिन अगर हम हिंदी कैलेंडर की बात करें तो इसके हिसाब हर माह में 30 दिन ही होते हैं, जिन्हें हम तिथि बोलते हैं. 

ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं. जो कि 15-15 दिन के होते हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रियोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. पंचांग इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)

WATCH LIVE TV

Trending news