Bilaspur News: बिलासपुर जिला के अस्पतालों में डॉक्टरों के कमी है. जिला के 37 पीएचसी में से 08 में एक भी डॉक्टर नहीं है, तो सिविल अस्पताल घवांडल में डॉक्टर्स के सभी पद खाली है. जिला के 08 सीएचसी में डॉक्टर्स के 03-05 पदों में से केवल 01-01 डॉक्टर ही सेवाएं दे रहे हैं.
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Bilaspur News: कहते हैं की स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का निवास होता है और बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना हर नागरिक का अधिकार है. ऐसे में अगर अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी हो तो मरीज आखिर जाएं तो जाएं कहां. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में जहां के अस्पतालों में आजकल हेल्थ वर्कर से लेकर डॉक्टर्स का टोटा लगा हुआ है.
गौरतलब है कि बिलासपुर जिला में करीब 50 सीएचसी व पीएचसी अस्पताल हैं जिनमें 37 पीएचसी में से 08 पीएचसी अस्पतालों में एक भी डॉक्टर्स कार्यरत नहीं है, जिसमें भाखड़ा, बैहल, मंडी मानवा, बुहाड़, मरोतन, सुसनाल, लहरी सरेल, कुमझवाड पीएचसी शामिल हैं और यहां डॉक्टर्स के सभी पद खाली चल रहे हैं.
इसके अलावा जिला के 04 सिविल अस्पतालों में से सिविल अस्पताल घवांडल में डॉक्टर्स के सभी पांचों पद खाली चल रहे हैं. इसके साथ ही बिलासपुर जिला में कुल 123 हेल्थ सब सेंटर्स है. जिनमें 33 हेल्थ सब सेंटर्स में एक भी मेल व फीमेल हेल्थ वर्कर नहीं है, जबकि जिला के 08 सीएचसी में 03 से 05 डॉक्टर्स के पद हैं, मगर केवल 01-01 डॉक्टर ही वहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
इस बात की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रवीन चौधरी ने कहा कि जिला के सीएचसी व पीएचसी अस्पतालों सहित हेल्थ सब सेंटर्स में खाली पड़े डॉक्टर्स व हेल्थ वर्कर के पदों के सम्बंध में प्रदेश सरकार व उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है और उन्हें पूरी उम्मीद है की नवम्बर माह में प्रदेश सरकार अस्पतालों में खाली पड़े डॉक्टर्स के पदों को भरने काम करेगी ताकि मरीजों को होने वाली समस्या का समाधान हो सके और ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में ही मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिल सके.
आपको बता दें, कि 25 अक्टूबर 2023 को बिलासपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में पिछ़डने की बात कही गई थी. जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा सुधार करने व रणनीति तैयार कर प्रदेश को स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने पर जोर देने की भी बात कही थी. ऐसे में प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में खाली चल रहे डॉक्टर्स के पदों को भरने की दिशा में सरकार द्वारा ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.