Army Day: सेना दिवस के उपलक्ष्य पर पूर्व सैनिकों द्वारा युद्ध शहीद स्मारक बिलासपुर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. विशिष्ट सेवा मैडल सम्मानित ब्रिगेडियर जगदीश वर्मा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की. भाजपा कार्यालय बिलासपुर में पूर्व सैनिकों के सम्मान में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ.
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Himachal Pradesh: विजय भारद्वाज: 77वें सेना दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पूर्व सैनिकों के सम्मान में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं बात करें बिलासपुर की तो युद्ध शहीद स्मारक बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण समिति द्वारा जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर शिव कुमार चौधरी ने मुख्यरूप से शिरकत की.
वहीं कार्यक्रम के दौरान पूर्व सैनिकों द्वारा शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई तो साथ ही उनकी शहादत को याद कर नमन किया गया. इसके पश्चात भाजपा कार्यालय बिलासपुर में भी सेना दिवस के अवसर पर पूर्व सैनिकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
कार्यक्रम के दौरान बिलासपुर सदर विधायक त्रिलोक जमवाल व ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा ने पूर्व सैनिकों को सम्मनित किया. वहीं सेना दिवस के मौके पर ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ तब देशभर में व्याप्त दंगे-फसादों तथा शरणार्थियों के आवागमन के कारण उथल-पुथल का माहौल था. इस कारण कई प्रशासनिक समस्याएं पैदा होने लगी और फिर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा था. जिसके बाद एक विशेष सेना कमांड का गठन किया गया ताकि विभाजन के दौरान शांति-व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके.
मगर उस समय भारतीय सेना के अध्यक्ष ब्रिटिश मूल के ही हुआ करते थे. जिसे देखते हुए 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने. उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास था. इसके बाद से ही हर वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस के रुप में मनाया जाता है. वहीं बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा कि सेना दिवस के खास अवसर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि सभी पूर्व सैनिकों को एक प्लेटफार्म पर लाकर ना केवल उन्हें सम्मानित किया जाए बल्कि देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों की शहादत को भी याद कर उन्हें नमन किया जा सके.