सिद्धू मूसेवाला के गाने पर मचा बवाल, SYL गाना यूट्यूब ने साइट से हटाया
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सिद्धू मूसेवाला के गाने पर मचा बवाल, SYL गाना यूट्यूब ने साइट से हटाया

यूट्यूब ने सिद्धू मूसेवाला का गाना एसवाईएल अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है. 23 जून को रिलीज हुआ ये गाना पंजाब के पानी के मुद्दे पर है.

 

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चंडीगढ़- सिद्धू मूसेवाला के SYL गाने पर इन दिनों बवाल मचा हुआ है.  मूसेवाला ने पंजाब के पानी के मुद्दे पर एक गीत बनाया था, जिसे हाल ही में रिलीज किया था,लेकिन अब ये गाना YouTube से हटा लिया गया है. एसवाईएल शीर्षक सतलुज-यमुना लिंक नहर को संदर्भित करता है. 214 किलोमीटर लंबी सतलुज यमुना लिंक नहर पिछले तीन दशकों से अधिक समय से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय रही है.

 

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सिद्धू मूसेवाला का गाना SYL YouTube से हटा दिया गया
सिद्धू मूसेवाला द्वारा लिखित और संगीतबद्ध, नया गीत संगीत निर्माता एमएक्सआरसीआई द्वारा शुक्रवार, 23 जून को यूट्यूब पर जारी किया गया था. हालांकि, अब जब आप लिंक पर क्लिक करते हैं, तो वीडियो उपलब्ध नहीं होता है और प्रदर्शित संदेश कहता है, "सरकार की कानूनी शिकायत के कारण यह सामग्री इस देश के डोमेन पर उपलब्ध नहीं है."

अपनी शुरूआत के बाद से, इस गाने को वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर 27 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और इसे 3.3 मिलियन लाइक्स मिले हैं.

संगीत वीडियो में कई उग्रवादियों की तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिनमें बलविंदर सिंह जटाना शामिल हैं, जिन्हें खालिस्तान समर्थक बब्बर खालसा का सदस्य कहा जाता था और जिस पर चंडीगढ़ में एसवाईएल कार्यालय में मुख्य अभियंता एमएल सीकरी और अधीक्षक अभियंता एएस औलख की हत्या का आरोप लगाया गया था.

सिद्धू मूसेवाला की हत्या
29 मई को पंजाब के मानसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गायक-राजनेता सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. सिद्धू मूसेवाला की राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा कम करने के एक दिन बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके साथ जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए.

पंजाब पुलिस ने इस घटना को एक अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता का मामला करार दिया था और कहा था कि इसके पीछे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह था. कनाडा के गोल्डी बराड़, जो बिश्नोई गिरोह के सदस्य हैं, उन्होंने हत्या की जिम्मेदारी ली थी.

पंजाब पुलिस ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के प्रमुख की निगरानी में हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था.

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