Harrdy Sandhu Birthday: हार्डी संधू एक भारतीय गायक, अभिनेता और पूर्व क्रिकेटर हैं जो पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम करते हैं. वह अंततः कई लोगों के पसंदीदा गायकों में से एक बन गए हैं. आज, 6 सितम्बर को हार्डी संधू के 38वें जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनके प्रेरक सफर के बारे में-
हार्डी संधू का जीवन कभी क्रिकेट के इर्द-गिर्द ही था. उन्होंने इस खेल में बहुत संभावनाएं दिखाईं और एक सफल क्रिकेट करियर की दहलीज पर थे. हार्डी एक तेज़ गेंदबाज़ थे जिन्होंने अंडर 19 विश्व कप में खेला था. हालांकि, जीवन ने उनके लिए कुछ और ही सोचा था. एक भयानक चोट ने उनके क्रिकेट के सपनों को रोक दिया.
हार्डी ने अपने दृढ़ निश्चय के साथ संगीत की ओर रुख किया. गायन के प्रति उनके जुनून और उनकी मधुर आवाज ने उन्हें जल्द ही इंडस्ट्री में पहचान दिला दी. उन्होंने स्थानीय कार्यक्रमों में प्रस्तुति देकर शुरुआत की और संगीत प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में उनकी प्रतिभा को ज़्यादा समय नहीं लगा. जब उनके सबसे मशहूर गानों में से एक 'सोच' बना, तो हार्डी ने एक जुआ खेला. उन्होंने इस प्रोजेक्ट में अपना सब कुछ लगा दिया और सब कुछ किस्मत पर छोड़ दिया. यह गाना उनके करियर को बना भी सकता था और बिगाड़ भी सकता था और अब 'सोच' को एक दशक हो चुका है और आज भी यह गाना क्लासिक गानों में गिना जाता है.
हार्डी की संगीत यात्रा चार्ट-टॉपर्स की एक श्रृंखला के साथ शुरू हुई. 'सोच', 'नाह' और अन्य सहित उनके सफल ट्रैक ने एक कलाकार के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित किया. पिछले कुछ वर्षों में, उनका संगीत विकसित हुआ है, जिसमें दिल को छू लेने वाले गीतों से लेकर उच्च-ऊर्जा वाले डांस नंबरों तक, भावनाओं और शैलियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है. उनके गीत ने पहले पंजाबी संगीत जगत में तहलका मचा दिया, और फिर उनके मूल एकल और संशोधित ट्रैक दोनों ने बॉलीवुड को उनकी धुनों पर नाचने पर मजबूर कर दिया.
हार्डी संधू का संगीत के प्रति समर्पण और जुनून ने उन्हें स्टारडम तक पहुंचाया। वे संगीत उद्योग में सबसे बड़े नामों में से एक बन गए, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में उनके बहुत सारे प्रशंसक हैं. उनकी मधुर आवाज और करिश्माई मंचीय उपस्थिति आज भी लोगों का दिल जीतती है.
हार्डी की प्रतिभा सिर्फ़ संगीत तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने अभिनय में भी सफलता हासिल की और अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. उनके अभिनय करियर को भी उतनी ही सराहना मिली है, जिसने उनकी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जोड़ दी है. उन्होंने पंजाबी फ़िल्म 'मेरा माही एनआरआई' में काम किया और '83' से बॉलीवुड में डेब्यू किया, यह खेल फ़िल्म थी जिसमें भारत की 1983 विश्व कप जीत दर्ज की गई थी. इसके बाद, उन्हें परिणीति चोपड़ा के साथ 'कोड तिरंगा' में देखा गया.
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