Chandigarh News: ​जैन समाज ने परंपरागत भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ दिवाली का पावन पर्व मनाया
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Chandigarh News: ​जैन समाज ने परंपरागत भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ दिवाली का पावन पर्व मनाया

Chandigarh News: मंदिर में भगवान महावीर के निर्वाण दिवस को विशेष रूप से मनाते हुए 24 किलो का एक और एक एक किलो के 72 लाडू अर्पित किये गए.

Chandigarh News: ​जैन समाज ने परंपरागत भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ दिवाली का पावन पर्व मनाया

Chandigarh News: हर वर्ष की तरह इस साल भी श्री दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर चंडीगढ़ में जैन समाज ने परंपरागत भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ दिवाली का पावन पर्व मनाया. दीपावली को जैन धर्म के वे तीर्थकर भगवन महावीर स्वामी को मोक्ष प्राप्त हुआ था. यह कार्यक्रम क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी एवं क्षुल्लक श्री क्षेमंकर नंदी जी महाराज के सान्निध्य में बड़े उल्लास के साथ संपन्न हुआ, जिसमें भव्य पूजा, भजन और प्रवचन का आयोजन किया गया. क्षुल्लक जी ने जैन समाज के श्रद्धालुओं को इस पर्व को शांति, प्रेम और भाईचारे के साथ मनाने का संदेश दिया.

मंदिर में भगवान महावीर के निर्वाण दिवस को विशेष रूप से मनाते हुए 24 किलो का एक और एक एक किलो के 72 लाडू अर्पित किये गए. 72 किलो का लाडू अर्पित करने का सौभग्य अजय जैन एडवोकेट को प्राप्त हुआ. यह परंपरा भगवान महावीर के मोक्ष की स्मृति में हर वर्ष दिवाली पर संपन्न की जाती है. मंदिर में आए हुए भक्तों ने भगवान महावीर के उपदेशों और उनके जीवन से प्रेरणा ली और जैन धर्म के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया.

कार्यक्रम में हजारों भगतों ने शिरकत की. भक्तों के लिए विशेष ध्यान और प्रार्थना सत्रों का आयोजन भी किया गया, जिसमें समाज के कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे. इस अवसर पर मंदिर को दीपों और फूलों से सजाया गया, जो दिवाली की आस्था और उमंग का प्रतीक है.

श्री दिगम्बर जैन सोसाइटी के प्रधान धर्मबहादुर जैन ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया और उन्हें भगवान महावीर के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का आवाहन किया। दिगम्बर जैन सोसाइटी की कार्यकारिणी की और से धर्मबहादुर जैन, संत कुमार जैन, एडवोकेट आदर्श जैन, एडवोकेट राजा बहादुर सिंह जैन, करुण जैन, रमेश जैन उपस्थित थे.

सांय बजे छुल्लक जी के चातुरमास का निष्ठापन समारोह आयोजित किया गया तत्पश्चात दीपकों द्वारा महा आरती की गयी.यह चातुर्मास इस अगस्त में स्थापित हुआ था.इन चार महीनों में श्रावकों ने छुल्लक जी से धार्मिक ज्ञान प्राप्त किया.

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