कौन है अब्दुस सलाम पिंटू? बांग्लादेश का सबसे खतरनाक मंत्री 17 साल बाद हुआ रिहा, भारत के लिए बढ़ी चिंता

Who is Abdus Salam Pintu: बांग्लादेश ने पूर्व मंत्री और प्रमुख व्यक्ति अब्दुस सलाम पिंटू को रिहा कर दिया है, जिन पर भारत को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pok) स्थित आतंकवादी नेटवर्क को वित्तपोषित करने का आरोप है

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 25, 2024, 03:58 PM IST
  • पिंटू के खिलाफ क्या आरोप?
  • भारत पर आतंकी हमलों में पिंटू की भूमिका
कौन है अब्दुस सलाम पिंटू? बांग्लादेश का सबसे खतरनाक मंत्री 17 साल बाद हुआ रिहा, भारत के लिए बढ़ी चिंता

Bangladesh most dangerous minister released: पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (HuJI) की सहायता करने के लिए जाने जाने वाले पूर्व जूनियर मंत्री अब्दुस सलाम पिंटू को 17 साल की कैद के बाद मंगलवार को बांग्लादेश की एक अदालत ने जमानत दे दी. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक प्रमुख सदस्य, पिंटू प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ 2004 के ग्रेनेड हमले की साजिश में अपनी भूमिका के लिए जेल की सजा काट रहे थे.

वह तंगेल जिले बीएनपी के संस्थापक महासचिव अब्दुस सलाम तंगेल-2 निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार संसद सदस्य चुने गए थे. वह 2001 में पिछली बीएनपी सरकार में उप शिक्षा मंत्री थे. अब्दुस सलाम को 21 अगस्त 2008 को गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में शामिल एक अन्य पूर्व बीएनपी मंत्री लुत्फोज्जमां बाबर को भी पिछले हफ्ते रिहा कर दिया गया था.

पिंटू के खिलाफ आरोप
पिंटू पर हथियार खरीदने, धन जुटाने और रंगरूटों को प्रशिक्षण देकर हूजी की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है. जांच अधिकारियों की रिपोर्ट से पता चलता है कि उसने आतंकवादियों को हथियार मुहैया कराने और भारत और अफगानिस्तान में हूजी को अभियान चलाने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

वह मदरसा छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और अपने भाई मौलाना ताजुद्दीन (जो हुजी का नेता है) को पाकिस्तान भागने में मदद करने में भी शामिल था. ढाका में 2021 की अदालती सुनवाई के दौरान एक अधिकारी ने खुलासा किया, 'उनके ज्यादातर भर्ती पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) और बांग्लादेश से आए थे... उन्होंने भारत के कश्मीर में विद्रोहियों के लिए धन, हथियार और गोला-बारूद भी जुटाया था.'

अदालत ने पाया कि 2001 में अवामी लीग सरकार के सत्ता से हटने के बाद पिंटू और बाबर दोनों ने हुजी को व्यापक समर्थन दिया, जिससे समूह के विस्तार और हथियार अधिग्रहण में मदद मिली. अब्दुस के भाई और हुजी नेता मौलाना ताजुद्दीन के जरिए ही दोनों ने भारत को नुकसान पहुंचाने की उनकी योजना में आतंकी संगठन की मदद की.

भारत पर आतंकी हमलों में पिंटू की भूमिका
अब्दुस सलाम पिंटू की हूजी के साथ भागीदारी में भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को सक्षम बनाना शामिल था. वह भारत, खासकर जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों और हथियार संचालकों की घुसपैठ कराने के समूह के प्रयासों में एक केंद्रीय व्यक्ति था.

हूजी के मदरसा आधारित भर्ती अभियान और हथियारों की तस्करी के नेटवर्क को उसके व्यापक राजनीतिक और वित्तीय संबंधों के माध्यम से समर्थन मिला.

पाकिस्तान स्थित हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है. यह समूह 2006 में वाराणसी में कोर्ट परिसर में हुए बम विस्फोट, 2007 में अजमेर शरीफ दरगाह विस्फोट और 2011 में दिल्ली उच्च न्यायालय बम विस्फोट में शामिल था.

हूजी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के साथ मिलकर काम करता है, जिसे पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से समर्थन प्राप्त है. ये हमले पाकिस्तान की भारत को नुकसान पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा हैं.

भारत के लिए क्यों चिंताजनक?
पिंटू की रिहाई बांग्लादेश में एक चिंताजनक प्रवृत्ति के बाद हुई है, जहां हाल ही में कई कट्टरपंथी इस्लामवादी लोगों को रिहा किया गया है. इन घटनाक्रमों को कई लोग मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के तहत अधिक इस्लामवादी-उन्मुख शासन की ओर बदलाव के संकेत के रूप में देखते हैं. आलोचकों का तर्क है कि ये कदम भारत विरोधी और कट्टरपंथी विचारधारा वाले समूहों को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे क्षेत्र में और अस्थिरता पैदा हो सकती है.

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