UN के दफ्तर पहुंचे एलन मस्क, बिजनेस के बाद अब पॉलिटिक्स में आगे बढ़ रहे टेस्ला के मालिक, इससे भारत को कितना फायदा?

Elon Musk: अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने ईरान के साथ बराक ओबामा की सरकार के दौरान परमाणु कार्यक्रम पर किए गए समझौते को तोड़ दिया था.  इसके बाद से ही अमेरिका-ईरान के बीच दूरियां काफी ज्यादा बढ़ गई थीं.

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Nov 15, 2024, 10:03 AM IST
  • UN के दफ्तर पहुंचे एलन मस्क
  • ईरान-अमेरिका के सुधरेंगे रिश्ते?
UN के दफ्तर पहुंचे एलन मस्क, बिजनेस के बाद अब पॉलिटिक्स में आगे बढ़ रहे टेस्ला के मालिक, इससे भारत को कितना फायदा?

नई दिल्ली: Elon Musk: टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप 2.0 सरकार के साथ अब राजनीति में भी एंट्री करने जा रहे हैं. ट्रंप ने मस्क को अपनी कैबिनेट में सरकारी दक्षता विभाग (Department of Government Efficiency) का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है. वहीं अब 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक मस्का ईरान-अमेरिका के बीच बढ़ती टेंशन को भी खत्म करने लगे हैं. इसके लिए वे UN में ईरान के राजदूत से भी मिले. 

UN पहुंचे एलन मस्क 
रिपोर्ट के मुताबित ईरानी सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि सोमवार 11 नवंबर 2024 को एलन मस्क और ईरानी राजदूत  के बीच एक गुप्त स्थान पर 1 घंटे तक मीटिंग चली. मस्क अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे थे. दावा किया जा रहा है कि विश्व नेताओं के साथ बातचीत के दौरान भी मस्क ट्रंप के साथ मौजूद रहे थे. 

ईरान-अमेरिका के रिश्ते 
बता दें कि अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने ईरान के साथ बराक ओबामा की सरकार के दौरान परमाणु कार्यक्रम पर किए गए समझौते को तोड़ दिया था.  इसके बाद से ही अमेरिका-ईरान के बीच दूरियां काफी ज्यादा बढ़ गई थीं. वहीं ट्रंप के पहले कार्यकाल में ही अमेरिकी सेना ने ईरान के सेना प्रमुख कासिम सुलेमानी को बगदाद में मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात बन गए थे. 

भारत को कैसे पहुंचेगा फायदा 
भारत के लिहाज से समझें तो अमेरिका और ईरान के रिश्ते में सुधार होने से देश को काफी फायदा पहुंच सकता है. बीते कुछ सालों में ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध का नुकसान भारत को भी उठाना पड़ा है.  भारत सरकार ईरान में चाबहार पोर्ट का निर्माण करवा रही है. वहीं पाकिस्तान भारत को सीधे तौर पर सेंट्रल एशिया तक पहुंच नहीं प्रदान करता है. ऐसे में भारत ईरान के रास्ते सेंट्रल ऐशियाई देशों के साथ ट्रेड करता है. वहीं अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के कारण भारत को ईरान से कच्चा तेल खरीदने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. 

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