नई दिल्लीः दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को कहा कि रूसी लड़ाकू विमान अघोषित रूप से उसके हवाई बफर क्षेत्र में प्रवेश कर गए, जिसके जवाब में उसने अनिर्दिष्ट सामरिक (टैक्टिकल) कार्रवाई की. ‘टैक्टिकल कार्रवाई’ का इस्तेमाल आमतौर पर अनधिकृत विदेशी विमानों को खदेड़ने के लिए लड़ाकू विमान भेजने के लिया किया जाता है.
'आकस्मिक संघर्ष को रोकना था उद्देश्य'
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने एक बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य उसके वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में आकस्मिक संघर्ष को रोकना था, लेकिन उन्होंने इसका अधिक विवरण नहीं दिया.
कोरिया ने एफ-16 लड़ाकू विमानों को भेजा
दक्षिण कोरियाई सेना ने रूसी मीडिया रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की कि उसने कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र के ऊपर उड़ान भरने वाले दो रूसी टीयू -95 बमवर्षकों को खदेड़ने के लिए एफ-16 लड़ाकू विमानों को भेजा.
रूस का लड़ाकू विमान सुखोई भी था शामिल
रूसी बम वर्षक विमानों के साथ एक सुखोई एसयू -30 लड़ाकू विमान भी उड़ रहा था. दक्षिण कोरिया और अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे के जवाब में सालों बाद अपना सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करने के एक दिन बाद यह घटना हुई.
‘उल्ची फ्रीडम शील्ड अभ्यास’ एक सितंबर से जारी है, जिसमें विमान, युद्धपोत और टैंक समेत हजारों सैनिक शामिल हैं. हाल के वर्षों में रूसी और चीनी युद्धक विमानों ने अक्सर दक्षिण कोरिया के वायु रक्षा पहचान क्षेत्रों में प्रवेश किया है, क्योंकि वे अमेरिका के साथ अपनी तीव्र प्रतिस्पर्धा के बीच ताकत का प्रदर्शन करते हैं.
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