नई दिल्लीः के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया. वह एक नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे जो नेपाल में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना करेगी. ओली को चीन समर्थक माना जाता है. वहीं मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू को भी चीन का समर्थक समझा जाता है.
नेपाली कांग्रेस के समर्थन से बने पीएम
ओली (72) पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए थे. इसकी वजह से ओली के नेतृत्व में नई सरकार का गठन किया गया है. ओली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने. राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में राष्ट्रपति पौडेल ने ओली को शपथ दिलाई.
चौथी बार नेपाल के पीएम बने ओली
ओली को अब नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा. ओली को 275 सीट वाली प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता होगी. यह चौथी बार है जब ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. सबसे पहले ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे. इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे.
इसके बाद वह तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी की वजह से 13 मई 2021 से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे. बाद में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है. नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं.
पीएम मोदी ने ओली को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर सीपीएन-यूएमएल पार्टी के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को बधाई दी और दोनों देशों के बीच मैत्री के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा परस्पर सहयोग को और बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई.
पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति पर केपी शर्मा ओली को बधाई. हम दोनों देशों के बीच मैत्री के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा हमारी जनता की प्रगति और समृद्धि के लिए परस्पर लाभकारी सहयोग को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं.'
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