नई दिल्ली: Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट होने और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद से भारत के लिए आए दिन नई-नई मुसीबतें खड़ी हो रही हैं. वहीं अब बांग्लादेश ने कनाडा की तरह ही भारत पर एक नया सनसनीखेज आरोप लगाया है. बांग्लादेश का कहना है कि शेख हसीना सरकार के दौरान 35,00 से ज्यादा लोगों के जबरन गायब होने की घटना में भारत का भी हाथ है.
भारत पर लगाया आरोप
न्यूज एजेंसी 'BSS'के मुताबिक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की तरफ से गठित की गई जांच आयोग की टीम का कहना है कि उसने शेख हसीना सरकार के दौरान जबरन गायब करने की घटनाओं में भारत की संलिप्तता पाई है. बांग्लादेश संगबाद संस्था ने लोगों को जबरन गायब करने की इन घटनाओं को लेकर जांच आयोग के हवाले से कहा,' बांग्लादेश की जबरन गायब करने की प्रणाली में भारतीय भागीदारी सार्वजनिक अभिलेख का मामला है.'
भारतीय जेलों में कैद बांग्लादेशी
खबर के अनुसार उच्चतम न्यायालय के एक रिटायर जज की अध्यक्षता वाले 5 सदस्यीय आयोग का कहना है कि कानून प्रवर्तन हलकों में लगातार सुझाव दिए गए थे कि भारतीय जेलों में अभी भी कुछ बांग्लादेशी कैदी हो सकते हैं. आयोग ने कहा,' हम विदेश और गृह मंत्रालयों को सलाह देते हैं कि वे ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने के लिए पूरी कोशिश करें जो अब भी भारत में कैद हैं.'
इन अधिकारियों पर भी लगा आरोप
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शेख हसीना के रक्षा सलाहकार मेजर जनरल ( रिटायर) तारिक अहमद, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोनिरुल इस्लाम और मोहम्मद हारुन-ओर-रशीद समेत राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र के पूर्व महानिदेशक मेजर जनरल जियाउल अहसन इस घटना में शामिल पाए गए हैं. पुलिस और सेना के ये पूर्व अधिकारी फरार हैं. माना जा रहा है कि 5 अगस्त को शेख हसीना के सत्ता गंवाने के बाद से ही ये लोग भी फरार हैं.
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