नई दिल्लीः प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध विराम समझौते के तहत निर्धारित 60-दिवसीय समय सीमा तक दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना की पूरी वापसी नहीं कर पाएगा. टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'आईडीएफ की वापसी प्रक्रिया के साथ लेबनानी सेना की दक्षिणी लेबनान में तैनाती, समझौते को पूरी तरह लागू करने और हिजबुल्लाह के लिटानी से हटने जैसे शर्तों जुड़ी हुई हैं.'
इजरायल ने लेबनान पर लगाया ये आरोप
नेतन्याहू ने कहा कि चूंकि लेबनान ने युद्ध विराम के तहत अपने दायित्वों को 'अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया है', इसलिए 'अमेरिका के साथ पूर्ण समन्वय में चरणबद्ध वापसी प्रक्रिया जारी रहेगी.' बता दें कि 60 दिन की समयसीमा रविवार 26 जनवरी तक के लिए निर्धारित की गई थी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि समझौते की शर्तें 'इस समझ के साथ लिखी गई थीं कि वापसी की प्रक्रिया 60 दिनों से ज्यादा चल सकती है.'
वर्तमान में आईडीएफ दक्षिणी लेबनान के कई गांवों में तैनात है, ज्यादातर पूर्वी क्षेत्र में. हाल के हफ्तों में पीछे हटने के बाद लेबनानी सशस्त्र बलों ने पश्चिमी क्षेत्र के गांवों में तैनाती की है.
इजरायल की फिर से टकराव की तैयारी
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना हिजबुल्लाह के साथ फिर से टकराव के लिए तैयारी कर रही है. ईरान समर्थित लेबनानी ग्रुप ने गुरुवार को चेतावनी दी थी कि वह 60 दिन की सीमा से ज्यादा दक्षिणी लेबनान में आडीएफ की मौजूदगी को स्वीकार नहीं करेगी.
इजरायल और हिजबुल्लाह ने नवंबर में फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में युद्ध विराम पर सहमति जताई थी. इससे एक साल से अधिक समय से चल रही लड़ाई समाप्त हो गई.
इस समझौते के तहत इजरायली सेना को लेबनान से और हिजबुल्लाह सेना को दक्षिणी लेबनान से 60 दिनों की अवधि में वापस जाना था.
यह भी पढ़िएः महाराष्ट्र की जिस आयुध फैक्ट्री में हुआ धमाका, वहां कौन-कौन से हथियार बनाए जाते हैं
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.