Jagjit Singh News: कैफ आजमी ने लिखा कि 'तुम जो इतना मुस्कुरा रहे हो क्या गम है जिसको छुपा रहे हो, आंखों में नमी हंसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो!' किसी ने सोचा भी नहीं था कि गीतों में पिरोकर जब इसे पेश किया जाएगा तो ये दिल टूटे आशिकों और अकेलेपन में जी रहे लोगों का एंथम बन जाएगा. जगजीत सिंह ही थे जिन्होंने गजलों को सरगमों में पिरोकर लोगों तक पहुंचाया. आज उनका जन्मदिन है. उनकी लव स्टोरी उनकी गायकी की तरह ही बेमिसाल थी. आइए उस दौर में चलते हैं जहां चिट्ठियां हुआ करती थीं और बातें इशारों-इशारों में कह दी जाती थी.
जगजीत सिंह ने जब गायिकी को चुना
जगजीत सिंह के माता-पिता चाहते थे कि वो पढ़-लिखकर अफसर बनें लेकिन उन्हें किस्मत गायिकी की ओर खींचकर ले गई. जगजीत सिंह के प्यार का किस्सा भी बेहद मशहूर है. जगजीत सिंह का दिल चित्रा सिंह पर आया. चित्रा जहां मुंबई में रहतीं वहां सामने वाले घर में जगजीत का आना-जाना लगा रहता. पहली बार उसी घर से जगजीत की आवाज सुनाई दी लेकिन चित्रा को जगजीत की गायिकी पसंद नहीं आई.
चित्रा सिंह पर हारे दिल
चित्रा खुद भी एक सिंगर थीं. 1967 में दोनों एक ही स्टूडियो में रिकॉर्ड कर रहे थे. रिकॉर्डिंग के बाद चित्रा ने जगजीत को ड्रॉप करने की इच्छा जाहिर की. फिर चाय पर भी बुलाया.चाय पर जगजीत ने उन्हें एक गजल सुनाई इससे चित्रा काफी इंप्रेस हुई. दोनों का मिलना-जुलना शुरू हुआ और धीरे-धीरे चित्रा अपने पति देबू प्रसाद दत्ता से दूर होती गईं. चित्रा के पति का दिल भी किसी और पर आ गया था.
जिंदगी में आया तूफान
1970 में देबू ने दूसरी शादी कर ली. फिर जगजीत ने उनके पास जाकर चित्रा का हाथ मांगा. चित्रा के पति ने शादी की इजाजत दे दी. 1990 में जगजीत और चित्रा की जिंदगी में एक खौफनाक हादसा हुआ. बेटे विवेक का हादसे में निधन हो गया. जगजीत सिंह छह महीने तक बिलकुल खामोश हो गए और चित्रा ने भी गायिकी छोड़ दी. 10 अक्टूबर 2011 को जगजीत सिंह ने आखिरी सांस ली.
ये भी पढ़ें- सिद्धार्थ मल्होत्रा की जल्द निकलेगी बारात, कियारा आडवाणी के साथ इस खास मंडप में लेंगे फेरे
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.