नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे खिलाड़ी आये जिनके पास पूरी दुनिया में अपने नाम का डंका बजाने का बेहतरीन मौका था लेकिन उन्होंने खुद को मिले मौकों का पूरा लाभ नहीं उठाया और छोटे से करियर के साथ क्रिकेट की दुनिया से चले गए. इन्हीं क्रिकेटरों में से एक हैं रॉबिन उथप्पा.
2006 में किया भारतीय टीम में डेब्यू
रॉबिन उथप्पा ने साल 2006 में टीम इंडिया में पदार्पण किया. जिस दौर में भारतीय क्रिकेट में एमएस धोनी अपने लिए जगह तलाश रहे थे उस दौर में रॉबिन टीम इंडिया के भविष्य कहे जा रहे थे. रॉबिन उथप्पा ने मध्यक्रम से लेकर ऊपरी क्रम तक लगभग हर ऑर्डर में बैटिंग की. उन्होंने 2007 के टी वर्ल्डकप और वनडे वर्ल्डकप में शिरकत की. एमएस धोनी की कप्तानी में जब भारत पहली बार टी20 चैंपियन बना, तो उस जीत के नायकों में उथप्पा का नाम भी शामिल था.
ज्यादा दिन शिखर पर नहीं रहे उथप्पा
रॉबिन उथप्पा ने क्रिकेट करियर के शुरुआती दिनों में खूब धमाल मचाया और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के चहेते बन गए लेकिन उनकी सफलता ज्यादा दिन बरकरार नहीं रही. खराब बल्लेबाजी और करियर की अनिश्चितता ने उन्हें टीम से बाहर करा दिया. उन्हें वापसी के कई मौके मिले लेकिन वे उनका फायदा नहीं उठा सके.
अब 36 साल के हो चुके रॉबिन उथप्पा आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हैं. उन्होंने पिछले सीजन में शानदार बल्लेबाजी भी की लेकिन उम्र के इस पड़ाव में उनकी वापसी असंभव है. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि उन्हें टीम इंडिया में जितने मौके मिले, उन्होंने उनका फायदा नहीं उठाया. यही वजह थी कि उन्हें 2015 के जिम्बाब्वे दौरे के बाद कभी भारतीय क्रिकेट टीम में मौका नहीं मिला.
उथप्पा ने 46 वनडे में 6 अर्धशतक की मदद से 934 रन बनाए. उनका वनडे में औसत महज 25.94 का है. उथप्पा ने 13 टी20 में करीब 28 की औसत और एक फिफ्टी की मदद से 249 रन बनाए हैं. उन्होंने आखिरी वनडे और टी20 जिम्बाब्वे के खिलाफ 2015 में खेला था.