सोने जैसा खरा निकला तांबे की खदान में काम करने वाले का बेटा, बना देश का सबसे बड़ा गेंदबाज

उन्होंने साल 2004 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा और इसके बाद बुंलदियों पर चढ़ते चले गए और 2019 में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. उस वक्त वो काफी सारी इंजरी से परेशान थे.

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : Jun 27, 2022, 03:34 PM IST
  • खदान में मजदूरी करते थे स्टेन के पिता
  • वर्ल्डकप सेमीफाइनल की हार से परेशान थे स्टेन
सोने जैसा खरा निकला तांबे की खदान में काम करने वाले का बेटा, बना देश का सबसे बड़ा गेंदबाज

नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर दुनियाभर से ऐसे ऐसे खिलाड़ी आए हैं जिन्होंने अभावों भरी जिंदगी को अपनी मेहनत की रोशनी रोशन कर दिया. इंग्लैंड में जन्में और दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने वाले महान तेज गेंदबाज डेल स्टेन भी इन्हीं में से एक हैं.

उन्होंने साल 2004 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा और इसके बाद बुंलदियों पर चढ़ते चले गए. आज डेल स्टेन का जन्मदिन हैं. हम आपको स्टेन के इंटरनेशनल क्रिकेट करियर और उनकी निजी जिंदगी के बारे में रोचक जानकारी देंगे.

मजदूरी करते थे स्टेन के पिता

एक इंटरव्यू में खुद डेल स्टेन ने खुलासा किया था कि उनके पिता मजदूर थे जो तांबे की खदान में काम करते थे. स्टेन को ये काम पसंद नहीं था. इसके बाद उनका परिवार जिंबाब्वे से दक्षिण अफ्रीका में जाकर बस गया. इसके बाद स्टेन ने क्रिकेट खेलना शुरू किया. जोहानिसबर्ग में स्टेन ने क्रिकेट खेलना सीखा.

डेल स्टेन का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर

डेल स्टेन ने पूरे करियर में 93 टेस्ट मैच खेले जिसमें 439 विकेट लिए. पांच टेस्ट मैच ऐसे रहे जिसमें उन्होंने 10 से ज्यादा विकेट लिए. वहीं, पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने 125 वनडे मैच खेले, जिसमें 196 विकेट लिए. वहीं, अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों की बात की जाए तो 47 मैच खेले, जिसमें 64 विकेट लिए. स्टेन अफ्रीका के सबसे दिग्गज और महान गेंदबाजों में गिने जाते हैं.

वर्ल्डकप सेमीफाइनल की हार से परेशान थे स्टेन

डेल स्टेन ने 2019 में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. उस वक्त वो काफी सारी इंजरी से परेशान थे. स्टेन के लिए सबसे दुखद हार 2015 विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ रही. उन्हें इस हार से बहुत निराशा हुई. दक्षिण अफ्रीका ने कभी वर्ल्डकप नहीं जीता था और 2015 में एबी डिविलियर्स की कप्तानी में अफ्रीकी टीम बेहद संतुलित थी और खिताब की प्रबलर दावेदार भी. लेकिन उनकी टीम को कीवी टीम के हाथों निराशाजनक हार मिली.

स्टेन अपने दौर के सबसे खतरनाक गेंदबाज थे. उन्होंने दुनिया के तमाम मैदानों पर तूफानी गेंदबाजी की. उनका क्रिकेट करियर चोटों से घिरा रहा. जिसकी वजह से उन्हें ज्यादा समय अपनी टीम से बाहर भी रहना पड़ा. उन्होंने पिछले साल संन्यास ले लिया था, इसके पीछे भी उनकी फिटनेस की असल वजह थी.

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