भारतीय सेना में सिर्फ भारत के लोग ही नहीं, बल्कि और भी कई अन्य देशों के जवान शामिल हो सकते हैं. यह बात जानकर आपको जरूर तगड़ा झटका लग सकता है. ऐसे में चलिए आज हम यही जानने की कोशिश करते हैं कि भारतीय सेना किन-किन देशों के लोग शामिल हो सकते हैं और क्या है इसकी प्रक्रिया.
भारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और शक्तिशाली सेना है. इसमें 14 लाख सक्रिय और 21 लाख रिजर्व सैनिक मौजूद हैं. आपको इस बात की तो जानकारी होगी कि भारतीय सेना में नेपाल के भी बड़ी संख्या में सैनिक शामिल होते हैं. हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि भारतीय सेना में और किन-किन देशों के युवाओं को शामिल किया जाता है. तो चलिए आज हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
नेपाल के लोग भारतीय सेना में शामिल हो सकते हैं. इन्हीं को गोरखा रेजिमेंट में भर्ती किया जाता है. भारतीय सेना में नेपाल के गोरखा की बहुत अहमियत होती है. गोरखा रेजिमेंट की परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चलती आ रही है. भारतीय सेना में 04 गोरखा रेजिमेंट भी है.
भूटानी नागरिक भी भारतीय सेना में शामिल हो सकते हैं. इन्हें एक विशिष्ट भर्ती योजनाओं के तहत इंडियन आर्मी में भर्ती किया जा सकता है. इन लोगों के लिए भी प्रक्रिया भारतीय नागरिकों जैसी ही होती है.
भारतीय सेना में तिब्बत के शरणार्थियों को भी शामिल किया जा सकता है, जो स्थायी रूप से भारत में आकर बस गए हैं. इन लोगों को भारतीय सेना में भर्ती मिल सकती है. गौरतलब है कि तिब्बती सैनिकों का भारत में एक खास तरह का दस्ता है, जो हिमालय में चीन के खिलाफ स्पेशलिस्ट आक्रामक दस्ते की भूमिका अदा करता है.
पाकिस्तान, श्रीलंका, बर्मा, थाईलैंड, केन्या, तंजानिया, युगांडा, इथियोपिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, वियतनाम, मलावी और जाम्बिया जैसे देशों जो लोग आजादी के वक्त या उसके कुछ सालों बाद भी भारत में पलायन कर चुके हैं वो भी भारतीय सेना में भर्ती हो सकते हैं. हालांकि, इनके पास भारत की नागरिकता होना अनिवार्य है.
भारतीय सेना में सभी धर्मों के लोग ने आगे आकर देश के लिए अपनी सेवाएं दी हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय सेना में 70 फीसदी हिन्दू सैनिक हैं. इनके अलावा 8 फीसरी सिख सेना, 3 प्रतिशत मुस्लिम और 3 फीसदी ईसाई सैनिक हैं. यहां पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोग भी भारतीय सेना में हैं.