Mata Hari: दुनिया की सबसे खूबसूरत जासूस, दुश्मन भी थे इनके कद्रदान!


Mata Hari: एक जर्मन दूत ने माताहारी को फ्रांस ट्रिप के दौरान कुछ जानकारी इकट्ठा करने के बदले पैसे देने की पेशकश रखी. उन्होंने पैसों के बदले जानकारी इकट्ठा करने की बात तो मान ली, लेकिन उनका कहना था कि उन्होंने जर्मन इंटेलिजेंस ऑफिसर तक सिर्फ पुरानी जानकारी ही पहुंचाई. 

 


नई दिल्ली:  Mata Hari: जासूसी की दुनिया में माता हारी का नाम सबसे आगे आता है. आजतक इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वह जर्मन की जासूस थी या फ्रांस की. 7 अगस्त 1876 को नीदरलैंड में जन्मीं मार्गरेट जेले दुनियाभर में एक डांसर के तौर पर मशहूर थी, हालांकि उसका असली काम जासूसी करना था.  प्रथम विश्व युद्ध के दौरान माता हारी को जर्मनी के लिए जासूसी करने के आरोप में गोलियों से भून दिया गया था. 

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मार्गरेट जेले एक दुकानदार की बेटी थी, जिसने उसके युवावस्था के दौरान खानदान का सारा पैसा डुबा दिया था. पेरेंट्स के तलाक और साल 1891 में अपनी मां की मौत के बाद मार्गरेट अपने रिश्तेदारों के साथ रहती थी. साल 1895 में उसकी शादी कैप्टन रुडोल्फ मैकलियोग के साथ हुई, जो डच आर्मी में एक ऑफिसर था. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक रूडोल्फ हिंसक था और उसने मार्गरेट को सिफिलिस से इन्फेक्ट कर दिया था. दोनों के 2 बच्चे थे, हालांकि उनके एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी. यूरोप से लौटने के बाद साल 1906 में मार्गेरट और उनके पति का तलाक हो गया. मार्गरेट को अपने बच्चे की कस्टडी तो मिली, लेकिन रूडोल्फ ने बच्चे के लिए खर्चा देने से मना कर दिया. इस कारण मार्गरेट को अपना बच्चा रूडोल्फ के पास छोड़ना पड़ा. 

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अपनी बेटी से मिलने की चाहत के कारण मार्गरेट पैसा कमाने लगी. इसके लिए उसने डांस को अपना प्रोफेशन चुना. साल 1905 में उन्होंने लेडी मैकलॉड के नाम से प्रोफेशनल डांसर के तौर पर शुरुआत की. जल्द ही उन्होंने अपन नाम माता हारी रख लिया. पेरिस में डांसर के तौर पर माता हारी को खूब सफलता मिली. धीरे-धीरे उनके प्रेमियों की संख्या बढ़ने लगी, जिनमें अधिकतर मिलिट्री ऑफिसर्स थे. 

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रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1915 में नीदरलैंड में रहने के दौरान एक जर्मन दूत ने उन्हें अगली फ्रांस ट्रिप के दौरान कुछ जानकारी इकट्ठा करने के बदले पैसे देने की पेशकश रखी. माता हारी फ्रांस में पकड़ी गई. उन्होंने पैसों के बदले जानकारी इकट्ठा करने की बात तो मान ली, लेकिन उनका कहना था कि उन्होंने जर्मन इंटेलिजेंस ऑफिसर तक सिर्फ पुरानी जानकारी ही पहुंचाई. 

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कथित तौर पर माता हारी की ओर से दिए गए बयानों के मुताबिक वह जर्मन के कब्जे वाले बेल्जियम में एक फ्रांसीसी जासूस के रूप में काम करने के लिए राजी हो गई थीं, हालांकि उन्होंने जर्मनों के साथ अपनी पूर्व व्यवस्था के बारे में फ्रांसीसी खुफिया जानकारी को बताने का कष्ट नहीं उठाया. उसका इरादा मित्र देशों के लिए जर्मनी में ब्रंसविक-लुनेबर्ग के ड्यूक अर्नेस्ट ऑगस्टस और ब्रिटिश सहकर्मी में कंबरलैंड के ड्यूकडम के उत्तराधिकारी की मदद सुरक्षित करना था. 

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फ्रांस को माता हारी पर दोहरेपन का शक होने लगा. इसको लेकर 13 फरवरी 1917 में उसे गिरफ्तार किया गया और पेरिस के जेल भेज दिया गया. अधिकारियों ने 50 हजार फ्रांसीसी सैनिकों की मौत के लिए जर्मनी की ओर से की गई उसकी जासूसी गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि इस आरोप का समर्थन करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया गया. 24-25 जुलाई साल 1917 को एक सैन्य अदालत में माता हारी के खिलाफ एक मुकदमा चलाया गया. इसके 3 महीने बाद उन्हें गोली से भून दिया गया. माना जाता है कि सजा मिलने के दौरान माता हारी ने आंखों पर पट्टी बांधने से मना कर दिया था.