नई दिल्लीः INS विराट (INS Virat) अलविदा कहते हुए अब अंतिम सफर पर निकल चुका है. मुंबई से अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना यह युद्धपोत गुजरात के भावनगर स्थित अलंग जा रहा है. भारत में सबसे लंबे तक समय 30 वर्षों तक सेवा देने वाले इस युद्धपोत को नौसेना में ‘ग्रांड ओल्ड लेडी’ (Grand Old Lady) भी कहा जाता है.
INS विक्रांत बना जोड़ीदार
जानकारी के मुताबिक, विराट सेंटोर श्रेणी का लड़ाकू विमान वाहक पोत है. 226 मीटर लंबे और 49 मीटर चौड़े इस युद्धपोत का वजन 27,800 टन है.
1984 में भारत ने इसे खरीदा और मई 1987 में इसे भारतीय नौसेना में आइएनएस विराट नाम से शामिल किया गया. यहां आइएनएस विक्रांत इसका जोड़ीदार था.
2017 में किया गया था सेवा मुक्त
करीब 30 साल भारतीय नौसेना की शान रहे आइएनएस विराट को छह मार्च, 2017 को भारतीय नेवी की सेवा से मुक्त कर दिया गया था. ये जहाज भारत से पहले ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हर्मिस के रूप में 25 साल तक अपनी सेवाएं दे चुका था.
इसके बाद 1987 में INS विराट को इंडियन नेवी में शामिल किया गया.
कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं
ब्रिटेन की रॉयल नेवी का हिस्सा रहने के दौरान प्रिंस चाल्र्स ने इसी पोत पर नौसेना अधिकारी की अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी. फॉकलैंड युद्ध में ब्रिटिश नेवी की तरफ से इस पोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जुलाई 1989 में श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन ज्यूपिटर में हिस्सा लिया. 2001 के संसद हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में अहम भूमिका निभाई.
विराट से भी बन सकती हैं बाइक्स
बताया गया है कि विराट को एक टग बोट के जरिए भावनगर ले जाया जा रहा है. विराट को खरीदने वाले श्रीराम ग्रुप के चेयरमैन मुकेश पटेल ने बताया कि युद्धपोत में उच्च गुणवत्ता का स्टील इस्तेमाल किया गया है. यह बुलेटप्रूफ मटीरियल भी है और इसमें लोहा बिल्कुल नहीं हैं.
कई बाइक निर्माता कंपनियां भी उनसे संपर्क कर कर रही हैं जो कि आईएनएस विराट का स्टील खरीदना चाहती हैं. इसके पहले INS विक्रांत के भी स्टील और लौह से सीमित संस्करण वाली बाइक्स बाजार में उतारी गई थीं.
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