'लाहौर में लंच, काबुल में डिनर' ही नहीं एक और थी मनमोहन सिंह की इच्छा, जो रह गई अधूरी

Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया. वह न सिर्फ दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे, बल्कि इससे पहले वित्त मंत्री समेत अन्य अहम पदों पर रहे. मनमोहन सिंह के साथ पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की भी यादें रही हैं. उन्होंने इसका जिक्र शुक्रवार को पीटीआई के साथ साक्षात्कार में किया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 27, 2024, 06:39 PM IST
  • 'मनमोहन ने बनाया सौहार्दपूर्ण माहौल'
  • अपने जन्मस्थान जाना चाहते थे पूर्व पीएम
'लाहौर में लंच, काबुल में डिनर' ही नहीं एक और थी मनमोहन सिंह की इच्छा, जो रह गई अधूरी

नई दिल्लीः Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया. वह न सिर्फ दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे, बल्कि इससे पहले वित्त मंत्री समेत अन्य अहम पदों पर रहे. मनमोहन सिंह के साथ पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की भी यादें रही हैं. उन्होंने इसका जिक्र शुक्रवार को पीटीआई के साथ साक्षात्कार में किया.

'मनमोहन ने बनाया सौहार्दपूर्ण माहौल'

उन्होंने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह को इतिहास में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जो भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध थे. नवंबर 2002 से नवंबर 2007 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे 83 वर्षीय कसूरी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के दायरे वाले पूरे क्षेत्र में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने का श्रेय मनमोहन सिंह को दिया.

उन्होंने कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण सिंह का यह बयान है कि 'वह उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब अमृतसर में नाश्ता, लाहौर में दोपहर का भोजन और काबुल में रात्रि भोजन करना संभव होगा.' 

'दोनों सरकारों के बीच पैदा हुआ आपसी भरोसा'

कसूरी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह ऐसी प्रक्रिया का हिस्सा बने, जिसमें दोनों देशों के बीच शांति वार्ता के दौरान अभूतपूर्व प्रगति हुई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के कार्यकाल के दौरान लोगों के बीच संपर्क में जबरदस्त वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों सरकारों के बीच आपसी विश्वास पैदा हुआ. 

अपने जन्मस्थान जाना चाहते थे मनमोहन सिंह

कसूरी ने याद किया कि सिंह ने पाकिस्तान के पंजाब के चकवाल जिले में स्थित अपने जन्मस्थान गाह की यात्रा करने की तीव्र इच्छा व्यक्त की थी. पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने सिंह को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा. 

कसूरी ने उम्मीद जताई कि दिवंगत प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के अन्य सदस्य किसी दिन सिंह के जन्मस्थान का दौरा कर सकेंगे. कसूरी ने उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ भारत के लोगों के प्रति भी हार्दिक संवेदना व्यक्त की.

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