नई दिल्ली: Haryana Politics Update: हरियाणा में भाजपा की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. JJP के नेता दुष्यंत चौटाला ने भी भाजपा सरकार गिराने की बात कही है. सरकार अल्पमत में मानी जा रही है. लेकिन कांग्रेस की एक गलती के कारण हरियाणा में 4 महीने तक सरकार नहीं गिर सकती. 22 फरवरी, 2024 को कांग्रेस से जो चूक हूई, उसको लेकर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा को अंदाजा भी नहीं होगा कि करीब दो-ढ़ाई महीने बाद इस गलती का उन्हें पछतावा करना होगा.
क्यों अल्पमत में है भाजपा सरकार?
दरअसल, हरियाणा में फिलहाल विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 88 है. बहुमत के लिए 45 विधायकों का होना जरूरी है. लेकिन भाजपा के पास 43 विधायकों का ही समर्थन है. इनमें 40 विधायक खुद भाजपा के हैं. इसके अलावा, उनके पास 2 निर्दलीय और एक HLP के विधायक का भी समर्थन है. लिहाजा, भाजपा की सरकार अल्पमत में है.
कांग्रेस ने कौनसी गलती की थी?
मार्च, 2024 में भाजपा ने मनोहरलाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को CM बनाया था. इससे पहले 22 फरवरी को कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई. कांग्रेस के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए कहा था. नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 14 मार्च, 2024 को बहुमत साबित कर दिया था. ऐसा नियम है कि एक बार अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद 6 महीने तक इसे वापस नहीं लाया जा सकता. यही कारण है कि 22 अगस्त, 2024 तक भाजपा की सरकार पर कोई खतरा नहीं है.
ये है नियम
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नियम है कि लोकसभा या विधानसभा में एक बार अविश्वास प्रस्ताव आ जाता है, तो 6 माह के भीतर फिर से बहुमत साबित करने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती. विपक्ष भी 6 महीने तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकता. इस लिहाज से भाजपा ने करीब 2 महीने पहले ही विश्वास मत हासिल किया है. आगामी 4 महीने तक उनकी सरकार को खतरा नहीं है.
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