नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए काशी और मथुरा की तरफ इशारा किया और कहा कि अयोध्या का मुद्दा जब लोगों ने देखा तो नंदी बाबा ने भी इंतजार किए बगैर रात में बैरिकेड तोड़वा डाले और अब हमारे कृष्ण कन्हैया भी कहां मानने वाले हैं.
कहा- पांडवों ने 5 गांव मांगे थे
मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि पांडवों ने कौरवों से सिर्फ पांच गांव मांगे थे लेकिन सैकड़ों वर्षों से यहां की आस्था केवल तीन (अयोध्या, काशी और मथुरा) के लिए बात कर रही है. आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए अपने सम्बोधन में कहा, ‘‘सदियों तक अयोध्या कुत्सित मंशा के लिए अभिशप्त थी और वह एक सुनियोजित तिरस्कार भी झेलती रही. लोक आस्था और जन भावनाओं के साथ ऐसा खिलवाड़ संभवत दूसरी जगह देखने को नहीं मिला होगा. अयोध्या के साथ अन्याय हुआ.’’
दुष्यंत की कविता का किया जिक्र
मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘जब मैं अन्याय की बात करता हूं तो हमें 5000 वर्ष पुरानी बात भी याद आने लगती है. उस समय पांडवों के साथ भी अन्याय हुआ था. उस समय कृष्ण कौरवों के पास गये थे और कहा था कि बस दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम. लेकिन दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले ना सका.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यही तो हुआ था अयोध्या के साथ. यही हुआ था काशी के साथ और यही हुआ था मथुरा के साथ भी.
महाभारत का युद्ध टालने गये श्रीकृष्ण ने कौरवों से कहा था कि आधा राज दो, लेकिन इसमें भी यदि बाधा है तो दे दो केवल पांच गांव, लेकिन यहां तो यह समाज सैकड़ो वर्षों से यहां की आस्था केवल तीन के लिए बात कर रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तीन के लिए भी इसलिए क्योंकि वे विशिष्ट स्थल हैं. वे सामान्य नहीं हैं. ईश्वर की धरती हैं. लेकिन एक जिद है और इस जिद में जब राजनीतिक तड़का पड़ने लगता है और वोट बैंक बनाने की राजनीति होने लगती है तो वहीं से विवाद की स्थिति खड़ी होने लगती है.’
कहा- हमने केवल 3 जगहें मांगी हैं
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘हमने तो केवल तीन जगह मांगी हैं. अन्य जगहों के बारे में कोई मुद्दा नहीं था. अब अयोध्या का मुद्दा जब लोगों ने देखा तो नंदी बाबा ने भी कहा कि हम काहे इंतजार करें. उन्होंने भी इंतजार किए बगैर रात में बैरिकेड तोड़वा डाले और हमारे कृष्ण कन्हैया भी कहां मानने वाले हैं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के अंदर लोक आस्था का अपमान हो, बहुसंख्यक समाज गिड़गिड़ाये, यह पहली बार देखने को मिला. दुनिया देख रही है स्वतंत्र भारत में यह काम पहले होना चाहिए था. वर्ष 1947 में प्रारंभ होना चाहिए था और उस आस्था के लिए बार-बार गुहार लगाता रहा.’’
योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला करते हुए सवाल किया कि सनातन धर्म की आस्था के तीन प्रमुख स्थलों अयोध्या, काशी और मथुरा का विकास आखिर किस मंशा से रोका गया था. मुख्यमंत्री ने कहा, ''पिछली 22 जनवरी को पूरे हिंदुस्तान और दुनिया के अंदर जहां कहीं भी हम देख रहे थे हर ओर से एक ही आवाज आ रही थी. यह अद्भुत क्षण था. भारत के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है लेकिन प्रसन्नता इस बात की भी थी कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया.
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