CAA कानून: 2019 में हुआ पास, 2024 में लागू, जानें 5 साल की पूरी टाइमलाइन

27 दिसंबर 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कोई भी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन को नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. 3 जनवरी 2024 को रिपोर्ट सामने आई कि CAA के नियम केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए हैं

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 11, 2024, 08:58 PM IST
  • जानें क्या है CAA की टाइमलाइन.
  • 2019 में हुआ था संसद से पास.
CAA कानून: 2019 में हुआ पास, 2024 में लागू, जानें 5 साल की पूरी टाइमलाइन

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने आखिरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू कर दिया है. इस संबंध में सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से पोर्टल भी तैयार है और इस पर नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है. दरअसल CAA का उद्देश्य है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से संबंधित प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने की सुविधा दी जाए.

इस कानून के लागू होने के साथ ही तीन प्रमुख पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के उन सभी अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोला जाएगा, जो लंबे समय से भारत में शरणार्थी हैं. इन सभी लोगों ने अपने देशों में धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भारत में शरण ली थी.

11 दिसंबर 2019 को हुआ था पारित
CAA को 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था. विधेयक को राष्ट्रपति ने 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी. तब इस कानून को लेकर देशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शकारियों को भ्रम था कि उनके 'राजनीतिक, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों' का नुकसान होगा. इसकी के बाद 15 दिसंबर 2019 को नई दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के पास शाहीनबाग में धरना प्रदर्शन हुआ. 16 दिसंबर को एक FIR दर्ज की गई थी, जिसमें आसिफ इकबाल तन्हा और शरजील इमाम सहित कई छात्रों को भड़काने वालों के रूप में नामित किया गया था.

2020  जनवरी में सामाजिक कार्यकर्ता-अधिवक्ता अमित साहनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें दिल्ली पुलिस प्रमुख और क्षेत्र के डीसीपी को इस खंड और ओखला अंडरपास को बंद करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. 3 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की गई थी.

कोविड के चलते बंद हुए थे प्रदर्शन
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2020 को दो वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीनबाग में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को उनकी नाकेबंदी खत्म करने के लिए मनाने के लिए वार्ताकार नियुक्त किया था. कोविड-19 महामारी के प्रकोप और उसके बाद लॉकडाउन ने सीएए के आसपास विरोध प्रदर्शनों और चर्चाओं को दबा दिया. कोविड-19 के प्रकोप चलते दिल्ली सरकार ने 16 मार्च 2020 को घोषणा कर दी कि 50 से अधिक लोगों की किसी भी सभा (धार्मिक, पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक) की अनुमति नहीं दी जाएगी.

संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाएं
फरवरी 2020 के बाद CAA की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं लगाई गईं. 27 दिसंबर 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कोई भी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन को नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. 3 जनवरी 2024 को रिपोर्ट सामने आई कि CAA के नियम केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए हैं और 2024 में लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले अधिसूचित किए जाएंगे.

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