नई दिल्ली. बीते जून महीने में ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने चार्जशीट दायर कर दी है. शनिवार को दायर चार्जशीट में सीबीआई ने बालासोर में तैनात तीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के आरोप लगाए हैं. अरुण कुमार महंत, अमीर खंड और टेक्निशियन पप्पू कुमार को सात जुलाई को गिरफ्तार किया था. इनके खिलाफ सबूत नष्ट करने के भी आरोप हैं.
चार्जशीट में किन धाराओं के तहत आरोप
सीबीआई के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में सीबीआई ने विशेष अदालत के समक्ष दायर चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग-2 (गैर-इरादतन हत्या), धारा 201 (सबूत मिटाना) , धारा 34 तथा रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत आरोप लगाए हैं.
कहां हुई चूक?
सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक बालासोर के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर मरम्मत का काम अरुण महंत द्वारा LC गेट नंबर 79 के सर्किट आरेख का उपयोग करके किया गया था. आरोपी को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि मौजूदा सिग्नल और ‘इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन’ का परीक्षण, मरम्मत और बदलाव स्वीकृत योजना और निर्देशों के अनुसार हो. लेकिन आरोपी द्वारा ऐसा नहीं किया गया.
भीषण हादसे में 298 ने गंवाई जान
बता दे इस भीषण ट्रेन हादसे में 296 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. दुर्घटना 2 जून को हुई थी. दरअसल कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. फिर पटरी से उतरे उसके कुछ डिब्बे बगल की पटरियों पर गिर गए और वहां से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए.
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