विपुल अमृतलाल शाह की 'हॉलिडे' के 10 साल पूरे, अक्षय कुमार के एक्शन अवतार ने जीता था लोगों का दिल

Holiday completes 10 years: फिल्ममेकर विपुल अमृतलाल शाह की 'हॉलिडे' ने अपनी रिलीज के 10 साल पूरे कर लिए हैं. हॉलीवुड स्टाइल एक्शन से लेकर जबरदस्त विजुअल इफेक्ट्स तक यह 5 बातें फिल्म को बेहद आज भी खास बनाती हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 6, 2024, 02:40 PM IST
  • 'हॉलिडे' के 10 साल पूरे
  • अक्षय-सोनाक्षी की जोड़ी ने जीता था दिल
विपुल अमृतलाल शाह की 'हॉलिडे' के 10 साल पूरे,  अक्षय कुमार के एक्शन अवतार ने जीता था लोगों का दिल

नई दिल्ली:Holiday completes 10 years: विपुल अमृतलाल शाह की "हॉलिडे: ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी" 2014 में रिलीज हुई थी. ए.आर. मुरुगडोस द्वारा डायरेक्ट की हुई इस एक्शन थ्रिलर दर्शकों को एंटरटेनमेंट का सही डोज देने से कभी नही चूकती. इसके पीछे की वजह बहुत साफ़ है: फ़िल्म की कहानी उन मुद्दों को छूती है जो अपने समय से आगे थे. फ़िल्म अलग-अलग विषयों को तलाशती है, जो इसे वाकई अपनी तरह की किसी भी दूसरी फ़िल्म से अलग बनाते हैं. तो आइए नज़र डालते हैं उन 5 वजहों पर जो इसे  अपने समय से आगे की फिल्म बनाने हैं.

हॉलीवुड स्टाइल एक्शन

बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्शन हीरो अक्षय कुमार के साथ "हॉलिडे" में कुछ जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस हैं. तेज़ रफ़्तार से पीछा करने से लेकर हाथापाई तक, फ़िल्म का एक्शन हॉलीवुड लेवल का एक्सपीरियंस देता है.

स्लीपर सेल्स का नया कॉन्सेप्ट

"हॉलिडे" में स्लीपर सेल पर फोकस किया गया है, जिस पर पहले कभी इतनी गहराई से चर्चा नहीं की गई थी. इस यूनिक फोकस ने कहानी को देखने के लिए और दिलचस्प और एंटरटेनिंग बना दिया, जिसमें देशभक्ति की भावना साफ झलकती है.

एक सैनिक के जीवन का जश्न मनाती है फिल्म

"हॉलिडे" की कहानी एक इंडियन आर्मी ऑफिसर पर आधारित है, जो छुट्टी मनाने मुंबई आता है. हालांकि, इस दौरान वह एक स्लीपर सेल नेटवर्क के टेररिस्ट लीडर की तलाश करता है और उसके कमांड में मौजूद सभी स्लीपर सेल को डीएक्टिवेट कर देता है. इससे फिल्म में हमारे बहादुर सैनिकों के मजबूत असल स्वभाव का प्रदर्शन हुआ है, जो हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं और हमारे देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं.

फिल्म की कहानी

फिल्म को बेहतरीन तरीके से डिजाइन किया गया था, जिससे दर्शकों को कहानी आसानी से समझ में आ गई. इसने कहानी को जमीनी स्तर पर बनाए रखा, इस बात पर प्रकाश डाला कि स्लीपर सेल हमारे आस-पास हैं और इसे इस तरह से स्क्रीन पर लाया जिससे दर्शकों को इस विषय पर गहरी समझ मिली.

टॉप-नोच विजुअल इफेक्ट

फिल्म में बॉक्सिंग मैच से लेकर बम ब्लास्ट्स, चाकू से हमला और गोलियों की आवाज तक हर इफेक्ट रीयल लग रहा था. फिल्म में स्पेशल इफेक्ट्स की क्वालिटी असल में टॉप नोच की थी और इसने बॉलीवुड के लिए एक नया स्टैंडर्ड सेट किया.

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