यूनिवर्सिटी से निकला लड़का, धुरंधरों को किया धराशायी; जानें रविंद्र सिंह भाटी ने कैसे जीता चुनाव

Ravindra Singh Bhati Strategy: रविंद्र सिंह भाटी ने 5 बार के विधायक रहे अमीन खान को हरा दिया है. हालांकि, भाटी की टक्कर में एक अन्य निर्दलीय फतेह खान रहे और भाजपा चौथे नंबर रही. भाजपा प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा अपनी जमानत बचा पाने में भी नाकामयाब साबित हुए. भाटी की आंधी में बड़े-बड़े धुरंधर धराशायी हो गए.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Dec 4, 2023, 12:01 PM IST
  • 5 बार के विधायक को हराया चुनाव
  • पहले रह चुके छात्रसंघ के अध्यक्ष
यूनिवर्सिटी से निकला लड़का, धुरंधरों को किया धराशायी; जानें रविंद्र सिंह भाटी ने कैसे जीता चुनाव

नई दिल्ली: Ravindra Singh Bhati Strategy: राजस्थान में बाड़मेर जिला है, जहां की शिव विधानसभा सीट की चर्चा पूरे देश में हो रही है. हर कोई यह जानकर दंग है कि यूनिवर्सिटी से निकले एक 26 साल के लड़के ने बिना दल के बाजी पलट दी. शिव विधानसभा सीट (Sheo Assembly Election) से रविंद्र सिंह भाटी जीते हैं, जो अपने गरम मिजाज और मीठी बोली के लिए जाने जाते हैं. रविंद्र सिंह भाटी के वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, उनकी फैन फोलोइंग भी जबरदस्त है. युवाओं में भाटी का खूब क्रेज है. 

5 बार के MLA को हराया
रविंद्र सिंह भाटी ने 5 बार के विधायक रहे अमीन खान को हरा दिया है. हालांकि, भाटी की टक्कर में एक अन्य निर्दलीय फतेह खान रहे और भाजपा चौथे नंबर रही. भाजपा प्रत्याशी स्वरूप सिंह खारा अपनी जमानत बचा पाने में भी नाकामयाब साबित हुए. भाटी की आंधी में बड़े-बड़े धुरंधर धराशायी हो गए. ऐसे में हर कोई यही पूछ रहा है कि इस नौजवान लड़के ने ये करिश्मा कैसे कर दिखाया. 

युवाओं में लोकप्रिय
रविंद्र सिंह भाटी ने 'यूनिवर्सिटी स्टाइल' में ही चुनाव लड़ा. उनके साथ युवाओं का बड़ा हुजूम था. सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता के चलते युवा उनसे जुड़ते गए. यूनिवर्सिटी में प्रेसिडेंट रहते हुए भाटी के कई वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वे छात्र हितों के लिए बड़े अधिकारियों से उलझते हुए दिखते थे. भाटी के इस अंदाज को युवाओं ने पसंद किया. यही कारण रहा कि कई परिवार पारंपरिक रूप से भाजपा-कांग्रेस से जुड़े थे, लेकिन उनके घर के नौजवान भाटी का प्रचार करते दिखे.

यात्रा ने दिलाई जीत
शिव विधानसभा क्षेत्र पाकिस्तान से सटा हुआ है. इस इलाके में घर रेतीले टीलों पर हैं. दूर-दराज के इलाकों में छोटी-छोटी ढाणियां बनी हुई है, जहां तक पहुंच पाना ही मुश्किल काम है. लेकिन  भाटी ने डिफेंडर गाड़ी से लेकर ऊंट गाड़े से सफर किया, विधानसभा की हर गांव-ढाणी तक पहुंचे. लोगों द्वारा बताई गई स्थानीय समस्याएं नोट की और उन्हें निपाटाने का आश्वासन दिया. 

स्थानीय मुद्दों पर फोकस
रविंद्र सिंह भाटी ने स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया. भाजपा से बागी होकर रविंद्र ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरने से पहले रैली की, इसमें उन्होंने स्थानीय मुद्दों पर ही फोकस किया. वे न तो राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर बोले और न ही प्रदेश स्तर के मुद्दों पर भाषण दिया. उन्होंने गांव-ढाणियों के नाम लेकर वहां की समस्याओं को निपटाने की बात कही. इससे  लोगों का इमोशनल कनेक्ट बना. 

मुस्लिम वोटों में दो फाड़ हुए
शिव विधानसभा में सबसे ज्यादा वोट मुस्लिम समुदाय के हैं. कांग्रेस ने अमीन खान को टिकट दिया, जबकि फतेह खान ने निर्दलीय चुनाव लड़ा. दोनों के बीच मुस्लिम वोट बंट गए और भाटी ने अन्य जातियों व् समाज को साधते हुए 3 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की. 

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