वृंदावन में भगवा श्रीकृष्ण के लिए दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगता है.
लेकिन प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन स कुछ चीजों को वृंदावन से बाहर ले जाने के लिए मना करते हैं.
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि दर्शन के बाद वृंदावन और ब्रज के बाहर गिरिराज जी की मूर्ति को कभी बाहर नहीं ले जाना चाहिए.
यह बेहद अशुभ माना जाता है. गिरिराज जी की मूर्ति ले जाने पाप के अंतर्गत आता है.
कई लोग दर्शन के बाद वृंदावन धाम से ब्रज की तुलसी को साथ घर ले जाते हैं. ब्रज की तुलसी भी कहीं और नहीं ले जानी चाहिए.
ऐसा करना अशुभ के साथ अपराध माना जाता है. यानी गलती से भी ब्रज की तुलसी को घर लेकर न आएं.
वृंदावन से किसी पशु या पक्षी को अपने साथ घर लाने की भूल न करें यह बेहद ही अशुभ माना जाता है.
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि वृंदावन में पशु और पक्षी अपने तप के कारण बसे हुए हैं.
आप वृंदावन से अपने साथ चंदन, पंचामृत, कान्हा जी के कपड़े, रंग ले जा सकते हैं. इनको शुभ माना गया है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके इसकी पुष्टि नहीं करता है.