यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. राजनीतिक महत्व के लिहाज से देखें तो हर सीट महत्वपूर्ण है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र कौन सा है. जबकि मतदाता के हिसाब से कौन सीट प्रदेश में नंबर वन है. आइए जानते हैं.
80 लोकसभा सीटों में से एक राबर्ट्सगंज भी है. यह सोनभद्र जिले में आती है. यह क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो करीब 250 किलोमीटर के दायरे में फैला है. भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां के कई गांव में प्रत्याशियों के चेहरे तक वोटर नहीं देख पाते हैं.
इसका एक छोर एमपी के सिंगरौली से लगता हैतो एक चंदोली. जिनके बीच की दूरी 250 किलोमीटर है. लोकसभा क्षेत्र में घूमने पर ही वाराणसी से गोरखपुर का रास्ता तय हो जाएगा. दोनों की दूरी 200 किमी के आसपास है.
राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पांच विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बनी है, ये हैं चकिया, ओबरा, घोरावल, दुद्धी और रॉबर्ट्सगंज. चकिया और दुद्धी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने इस सीट पर जीत हासिल की. सपा उम्मीदवार छोटेलाल खरवार ने यहां जीत दर्ज की. बीजेपी की सहयोगी दल अपना दल एस ने यहां से पूर्व सांसद पकौड़ी लाल की बहू रिंकी कौल को टिकट दिया था, जिनको हार का सामना करना पड़ा.
राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1962 में हुआ. कांग्रेस के राम स्वरूप यहां से पहले सांसद बने. उन्होंने 1967 और 1971 में भी जीत हासिल की. 1977 में देश में जनता पार्टी की लहर थी और राबर्ट्सगंज सीट भी इससे अछूती नहीं रही. जनता पार्टी के उम्मीदवार शिव संपत्ति राम ने लोकसभा चुनाव जीता.
राबर्ट्सगंज सीट पर कुल 83, 40,82,814 मतदाता हैं. इनमें 43,70,35,372 पुरुष और 39,70,18,915 महिलाएं हैं.
एक अनुमान के अनुसार यहां अनुसूचित जाति के करीब 4 लाख, अनुसूचित जनजाति के 1.75 लाख मतदाता हैं. यादव की संख्या 1.25 लाख और ब्राह्मण 1.5 लाख हैं. एक लाख कुशवाहा, 80 हजार पटेल और 40 हजार राजपूत हैं. मुस्लिम यहां करीब 60 हजार हैं.
वहीं, वोटर के लिहाज से देखें तो यूपी का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद है. इस सीट पर सबसे ज्यादा वोटर हैं. यहां मतदाताओं की संख्या 29 लाख 38 हजार के करीब है, इसमें सबसे ज्यादा 10 लाख 33 वोटर साहिबाबाद से आते हैं.