यूपी विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन खूब बवाल देखने को मिला. विपक्ष ने सरकार की नीतियों और बेरोजगारी को लेकर हाथों में गगरी और हाथों में बेड़ियां पहनकर विरोध प्रदर्शन किया तो वहीं सीएम योगी ने मौलाना और मौलवी पर तीखे तेवर दिखाये, उन्होंने कहा कि उर्दू ही नहीं क्षेत्रीय भाषाओं को भी सम्मान मिलना चाहिये.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से हुई. उन्होंने महाकुंभ 2025 को केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रदेश की प्रशासनिक क्षमता और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बताया. राज्यपाल ने कहा कि महाकुंभ भारतीय श्रद्धालुओं के साथ विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है.
राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि प्रदेश अब विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और सरकार हर क्षेत्र में सुधार के लिए काम कर रही है. इसके साथ ही महाकुंभ की तैयारियों की भी सराहना की गई, जिससे दुनियाभर के श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं.
जैसे ही राज्यपाल अभिभाषण पढ़ने लगीं, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी दलों ने ‘राज्यपाल वापस जाओ’के नारे लगाए और सरकार की नीतियों का विरोध किया. विरोध को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, लेकिन हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा था.
बजट सत्र से पहले सपा कार्यकर्ताओं ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. एमएलसी आशुतोष सिन्हा गगरी लेकर पहुंचे, जिस पर ‘नैतिकता का अस्थि कलश’लिखा था. वहीं, सरधाना के विधायक अतुल प्रधान खुद को जंजीरों में बांधकर विधानसभा पहुंचे और रोजगार न मिलने के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, "सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है, इसलिए, लोग डंकी रूट से विदेश जा रहे हैं. सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाले समय में किसी भारतीय प्रवासी को हथकड़ियों में निर्वासित न किया जाए."
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हर अच्छे काम का विरोध करती है और अब भोजपुरी और अवधी जैसी भारतीय भाषाओं का भी विरोध कर रही है. उन्होंने सपा पर आरोप लगाया कि ये लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाते हैं और दूसरों को उर्दू पढ़ाने को कहते हैं.
सीएम योगी ने कहा कि यूपी की क्षेत्रीय भाषाओं जैसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को सम्मान मिलना चाहिए. सरकार इन भाषाओं के लिए अलग-अलग अकादमियां बनाने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने सवाल किया कि जब उर्दू की वकालत हो सकती है, तो फिर भोजपुरी और अवधी को क्यों रोका जा रहा है ?
विधानसभा में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई. सरकार ने बताया कि इस बार महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई नई योजनाएं लागू की जा रही हैं. यूपी सरकार इसे ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा के रूप में देख रही है और प्रशासन इसे सफल बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है.
बजट सत्र में नोएडा एयरपोर्ट को लेकर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट बनने के बाद यूपी में निवेश और पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. साथ ही प्रदेश के कई शहरों में सड़क और रेल नेटवर्क को मजबूत करने की योजनाओं पर भी सरकार काम कर रही है.
विधानसभा में 20 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया जाएगा. इस दौरान राज्य के विकास और जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे. बजट सत्र 18 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा, जिसमें विभिन्न विधायी कार्यों पर चर्चा होगी.
विपक्ष ने सदन में बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया. सपा नेताओं ने कहा कि सरकार नौकरियां देने में नाकाम रही है और युवा विदेश जाने को मजबूर हैं. वहीं, सीएम योगी ने जवाब में कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ रहा है और सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.