Vegetarian Vs Non Vegetarian: वेज या नॉनवेज इनमें से कौन सी डाइट किसी व्यक्ति के लिए सही हो सकता है ये हमेशा से ही बहस का विषय रहा है. आइए जानते हैं कि रिसर्च इस बारे में क्या कहता है.
कौन सी डाइट सेहत के लिए अच्छी है और किससे हेल्थ को ज्यादा लाभ होता है ये हमेशा से प्रश्न उठता रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बारे में रिसर्च और एक्सपर्ट क्या कहते हैं. आइए जानें.
शाकाहारी भोजन में सब्जी, फल, दूध और डेयरी जैसे प्रोडक्ट आते हैं. हरी सब्जियों से अलग-अलग प्रकार के फूड प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. जिसमें मांस से पूरी तरह परहेज किया जाता है. वहीं मंसाहार में मांस को पकाकर चावल, रोटी या कई दूसरे खाने की चीज के साथ परोसा जाता है.
ऐसा देखा गया है कि शाकाहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम पाई जाती है लेकिन शाकाहारी लोग हाई प्रोटीन डाइट संबंधी दिक्कत जैसे कि ऑस्टियोपोरोसिस और किडनी से पीड़ित नहीं होते हैं.
शाकाहारी डाइट में हाई लेवल के एंटीऑक्सीडेंट जैसे विटामिन ई के साथ ही सी और कैरोटीन भी शामिल होता है, जो सब्जियों और फलों से मिल पाता है. इसके अलावा शाकाहारी लोग कम मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन कर पाते हैं.
अलग-अलग कई रिसर्च की माने तो शाकाहारी होने के अपने कई फायदे हैं. शाकाहारी लोगों को दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर जैसी गंभी बीमारियों का डर कम होता, ऐसी पुरानी बीमारियों का खतरा शाकाहारी लोगों को कम होता है. शाकाहारियों के शरीर का वजन व बॉडी मास इंडेक्स भी कम पाया गया है.
शाकाहारी डाइट में फाइटो पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट होते है जो कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं. दूसरी ओर मांस बेस्ड डाइट में सैचुरेटेड फैट, नमक की मात्रा अधिक होने से इसके अपने अलग नुकसान हैं.
सैचुरेटेड फैट से भरपूर मांस प्रोडक्ट के सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है. स्टडी कहती हैं कि नॉन वेज खाने वाले लोगों का जीवनकाल छोटा हो सकता है.
नॉन वेज खाने वाले लोग पुरानी बीमारियों को लेकर ज्यादा सेंसिटिव होते हैं. इसके अलावा डायबिटीज, दिल संबंधी बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर दिक्कतों का खतरा बना रहता है.
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह व सुझाव केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है. इन्हें पेशेवर चिकित्सा की सलाह के तौर पर न लें. कोई भी सवाल या परेशानी होने पर हमेशा अपने डॉक्टर और एक्सपर्ट से सलाह लें.