Mahakal Bhasm Aarti: भस्म की आरती भगवान शिव की आरतियों में सबसे खास होती है. इस आरती के लिए श्मशान में जलने वाली सुबह की पहली चिता से शिवजी का ऋंगार किया जाता है.
Mahakal Bhasm Aarti: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर की भस्म आरती दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है. भगवान महाकाल के मंदिर में भस्म आरती भोर के समय होती है.
Mahakal Bhasm Aarti: शिवपुराण में बताया गया है कि जब सती ने अपते पति भगवान शिव के अपमान के कारण पिता दक्ष के यज्ञ में स्वंय को आहूत किया था. जिससे शिव क्रोधित हो गए थे. इसके बाद वो मां सती के मृत शरीर को लेकर इधर-उधर घूमने लगे.
Mahakal Bhasm Aarti: सालों पहले श्मशान के भस्म से आरती होती थी लेकिन अब समय में बदलाव के बाद अब कंडों के बने भस्म से आरती श्रृंगार किया जाता है.
Mahakal Bhasm Aarti: महाकाल के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव की यहां भस्म आरती की जाती है जो दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है. भस्मार्ती को मंगला आरती नाम भी दिया गया है. बता दें कि भस्म आरती महाकाल को जगाने और ऋंगार के लिए होती है.
Mahakal Bhasm Aarti: भस्म आरती में पुरुष धोती पहनकर प्रवेश करते हैं. आरती करने का अधिकार केवल महंत और अखाड़ा के प्रतिनिधियों के पास है.
Mahakal Bhasm Aarti: भस्म आरती में पुरुष धोती और महिला साड़ी पहनकर प्रवेश करते हैं. इतना ही नहीं इनको घूंघट भी करना होता है.
Mahakal Bhasm Aarti: मान्यताओं के मुताबिक भस्म आरती देखना महिलाओं के लिए निषेध माना गया है. इस मंदिर के कुछ नियम हैं.
Mahakal Bhasm Aarti: ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव की प्रिय भस्म चढ़ाने से सभी पाप दूर हो जाते हैं. भस्म चढ़ाने से शिव भक्त को किसी प्रकार का भय नहीं रहता है.