Govardhan Puja 2024: घर में सभी लोगों को गोवर्धन पूजा एक साथ करनी चाहिए क्योंकि अलग-अलग पूजा करने को बेहद अशुभ माना जाता है. गोवर्धन पूजा करते वक्त गलतियों को करने से बचना चाहिए.
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इसके दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है और फिर अगले दिन भैया दूज का त्योहार आता है. लेकिन इस बार इन सभी त्योहारों की तारीख में बड़ा फेरबदल हुआ है. इस साल,गोवर्धन पूजा में एक दिन की देरी है. ज्योतिष और धर्म शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना चाहिए, आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
उदया तिथि के अनुसार, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 दिन शनिवार के दिन मनाई जाएगी.
इस दिन गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 2 नवंबर शाम 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 45 मिनट तक है. गोवर्धन पूजा के लिए आपको 2 घंटा 45 मिनट का समय मिलेगा.
अन्नकूट और गोवर्धन पूजा का आयोजन खुले में किया जाता है. ये घर का आंगन या बाहर खुली जगह में होना चाहिए. अन्नकूट का आयोजन बंद कमरे में न करें.
इस दिन गाय की पूजा का भी बड़ा महत्व बताया गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन प्रकृति के आधार के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा होती है.
परिवार के सभी लोगों को एक साथ मिलकर पूजा करनी चाहिए. गोवर्धन पूजा के दिन गंदे कपड़े नहीं पहनें. परिक्रमा करने से पहले स्वच्छ कपड़े पहनें. पूजन में शामिल होने वाले लोग हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहनें. इस दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें.
गोवर्धन के दिन घर को गंदा नहीं रखें. इस दिन गौमाता को परेशान न करें. गाय भगवान कृष्ण की प्रिय हैं, उनको परेशान करोगे तो वे क्रोधित हो सकते हैं.
इस शुभ दिन पर आपको किसी से वाद विवाद नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही गलत भाषा का प्रयोग बिलकुल न करें.
गोवर्धन पूजा या परिक्रमा करते समय किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए.
गोवर्धन वाले दिन या पूजा के समय गाय, पौधों, जीव जंतु आदि को भूलकर भी न सताएं और न ही कोई नुकसान पहुंचाएं.बड़े-बुर्जग और महिलाओं का अपमान न करें,
गोवर्धन की परिक्रमा हमेशा नंगे पैर ही करनी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति कमजोर हो तो वो रबड़ या कपड़े के जूते पहन सकता है.
अगर आपने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा शुरू कर दी हो तो कभी भी उसे बीच में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए.ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.