योगी आदित्यनाथ सरकार ने मिर्जापुर से प्रयागराज तक छह लेन वाले विंध्य एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी है. यह एक्सप्रेसवे मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को आपस में जोड़ेगा.
320 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से भदोही, वाराणसी,चंदोली और गाजीपुर जैसे कई जिलों और उनके गांवों को फायदा होगा. बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सलोरी-हेतापट्टी झूंसी के बीच फोर लेन ब्रिज बनाया जाएगा.
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार करते हुए इसे प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर तक ले जाया जाएगा. यह विस्तार हाईस्पीड नेटवर्क के माध्यम से प्रदेश की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा.
कैबिनेट ने 100 किमी लंबे विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है, यह चंदौली से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक जाएगा.
प्रयागराज में सलोरी से हेतापट्टी तक एक नए ब्रिज के निर्माण को मंजूरी दी गई है. यह ब्रिज शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर बनेगा, जिससे यातायात और बेहतर होगा.
नए ब्रिज और स्मार्ट कनेक्टिविटी योजनाओं से प्रयागराज को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है. यह प्रयागराज, वाराणसी और अन्य क्षेत्रों में बेहतर यातायात और विकास को प्रोत्साहन देगा.
एक्सप्रेसवे का निर्माण दक्षिण-पूर्वी विंध्य क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देगा. यह परियोजना मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाएगी.
इस नए एक्सप्रेस का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा जबकि सोनभद्र में एनएच-39 पर इसका समापन होगा.
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