अब तक नोएडा, लखनऊ और कानपुर में लोग तो लंबे समय से मेट्रो में सफर का मजा ले रहे हैं लेकिन अब जल्द ही प्रयागराजवालों का भी मेट्रो में घूमने का सपना पूरा होता दिख रहा है.
संगमनगरी में लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अगले वित्तीय वर्ष में ट्रैक बनाने की प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं. इस परियोजना में 2 लाइन शामिल हैं. यह कॉरिडोर 4 किलोमीटर लंबा होगा.
प्रयागराज में मेट्रो चलाने की कवायद लंबे अरसे से चल रही है. 2016 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी. 2019 में योगी सरकार ने इसके लिए 175 रुपये पास किए थे.
लाइट मेट्रो एक लाइट रेल अर्बन ट्रांजिट सिस्टम है. इसका संचालन उन शहरों में किया जाता है. जहां सवारियों की संख्या अपेक्षाकृत कम हो.
लाइट मेट्रो की लागत सामान्य मेट्रो की तुलना में कम होती है और यह यात्रियों की सहूलितय का ध्यान रखती है. इसमें तीन कोच लगाए जाएंगे. एक कोच की क्षमता करीब 70 से 80 यात्रियों की होगी.
लाइट मेट्रो प्रयागराज के दो रूट पर चलेगी. जिसमें एक बमरौली-सिटी लेक और दूसरा शांतिपुरम-छिक्की होगा. दोनों की लंबाई 44 किलोमीटर है.
बमरौली-सिटी लेक लाइन पर 20 स्टेशन प्रस्तावित हैं जबकि शांतिपुरम-छिक्की रूट पर स्टेशनों की संख्या 19 है. इसके बनने से लोगों को जाम के झाम से छुटकारा मिलेगा.
प्रयागराज मेट्रो का किराया कितना होगा, इसको लेकर कोई स्ट्रक्चर तैयार नहीं किया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि यह आगरा मेट्रो के जितना हो सकता है.
प्रयागराज मेट्रो के चलने से दफ्तर जाने वालों के अलावा छात्रों को भी फायदा मिलेगा. यही नहीं स्टेशन के आसपास के इलाके में जमीनों के दाम भी बढ़ेंगे.
अगले साल यानी 2025 में इसको लेकर काम शुरू हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष से लाइट मेट्रो के संचालन के लिए ट्रैक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
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