श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बन गई है. रोजाना लाखों लोग यहां आते हैं, जिसके चलते शहर का बहुमुखी विकास और आधारभूत ढांचे का निर्माण तेजी से हो रहा है.
अयोध्या को लखनऊ, प्रयागराज, रायबरेली, गोरखपुर और अंबेडकरनगर से जोड़ने वाले हाइवे पर रामायण कालीन पात्रों के नाम पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं. इन प्रवेश स्थलों को पर्यटकों की सुविधाओं के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है.
अयोध्या के सभी 6 प्रमुख प्रवेश द्वारों पर आधुनिक टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर (टीएफसी) बनाए जा रहे हैं. 5-5 हेक्टेयर भूमि पर बने इन केंद्रों पर 125 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें प्रत्येक सेंटर पर लगभग 21 करोड़ रुपये का बजट है.
टीएफसी में पर्यटकों के लिए साफ-सुथरे वॉशरूम, विश्राम स्थल, जानकारी कक्ष और बैठने की व्यवस्था होगी. साथ ही यहां ईवी चार्जिंग स्टेशन और 200 वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.
तमाम तरह की सुविधाओं जैसे खाने, ठहरने, पार्किंग और मनोरंजन के साधनों के अलावा टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर में पर्यटकों की सहायता के लिए कर्मचारी भी रहेंगे, जो उन्हें विभिन्न प्रकार सुविधाएं प्रदान करेंगे.
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) टीएफसी के अतिरिक्त हिस्से में पीपीपी मॉडल पर हाई-क्लास होटल, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया और रेस्त्रां बनाएगा. यह पर्यटकों को आरामदायक और शानदार अनुभव प्रदान करेगा.
सभी प्रवेश द्वार भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, जटायु, गरुण और हनुमान जी के नाम पर बनाए जा रहे हैं. यह रामायण के पात्रों के प्रति श्रद्धा को दर्शाने के साथ-साथ अयोध्या के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाएंगे.
टीएफसी पर अयोध्या और आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी दी जाएगी. पर्यटक यहां से शहर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे.
पीडब्ल्यूडी इन प्रवेश द्वारों का निर्माण कर रहा है, जबकि एनएचएआई इनके डिजाइन पर काम कर रहा है. निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द इन आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिल सके.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.