Namo Bharat Underground Station: मेरठ में आरआरटीएस के अंडरग्राउंड स्टेशनों का निर्माण हो रहा है. उम्मीद है जून तक मोदीपुरम तक नमो भारत और मेरठ मेट्रो के संचालन का शुरू हो जाएगा. सिर्फ मेरठ मेट्रो के लिए भैंसाली स्टेशन है.
बेगमपुल स्टेशन पर नमो भारत और मेट्रो एक ही प्लेटफार्म पर रुकेंगी. हाईटेक सुविधाओं वाले इन स्टेशनों में कई एंट्री गेट एस्केलेटर और सिग्नलिंग सिस्टम शामिल हैं. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के मेरठ के भूमिगत स्टेशनों का काम तेजी से चल रहा है. मोदीपुरम तक नमो भारत और मेरठ मेट्रो के संचालन का लक्ष्य जून में रखा गया है.
इन निर्माणाधीन स्टेशनों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. इनकी भव्यता की झलक देखकर आप सहज ही आकलन कर सकते हैं. यह अंडरग्राउंड स्टेशन है. लगभग 258 मीटर लंबा और करीब 17 मीटर गहरा है.
जानकारी के मुताबिक, यहां सिर्फ मेरठ मेट्रो की ही सुविधा मिलेगी. यहां से नमो भारत ट्रेनों की सुविधा के लिए यात्रियों को दिल्ली की ओर शताब्दीनगर या मोदीपुरम की ओर बेगमपुल स्टेशन जाना होगा.
जानकारी के मुताबिक, इस स्टेशन पर तीन प्रवेश-निकास द्वार हैं, इनका कार्य तेजी से हो रहा है. मोदीपुरम की तरफ जाने वाली दिशा में सुरंग व स्टेशन पर पटरी बिछाई जा चुकी है. तीनों प्रवेश और निकास द्वार से नीचे उतरने के लिए कॉनकोर्स लेवल (टिकट खिड़की वाला तल) तक जाने के लिए दो एस्केलेटर लगाए गए हैं. इसमें तीन तल हैं. एक तल जमीन यानी ग्रेड की तरह होगा.
इसे जन-सुविधाओं के लिए तैयार किया जा रहा है. इस स्टेशन के बाहर बस स्टैंड भी बना है, जहां से मुजफ्फरनगर, शामली, रुड़की, हरिद्वार के लिए बसें मिलती हैं. वहीं, आटो और टैक्सी की सुविधा भी है.
यह शहर का सबसे गहरा अंडरग्राउंड स्टेशन है, जहां से नमो भारत और मेरठ मेट्रो यानी दोनों की सुविधा मिलेगी. इस स्टेशन की गहराई लगभग 23 मीटर है. इसके प्लेटफॉर्म की लंबाई करीब 207 मीटर है.
यह स्टेशन इसलिए भी अनोखा है, क्योंकि नमो भारत और मेट्रो दोनों एक ही पटरी पर बारी-बारी से रुकेंगी. हाईटेक सिग्नलिंग के जरिए नमो भारत और मेरठ मेट्रो ट्रेनों के आने-जाने में सामंजस्य रखा जाएगा.
पटरी बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है. इसमें चार तल हैं. भूतल, व्यावसायिक गतिविधि वाला तल (पीडी लेवल), कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म तल है. स्टेशन पर दो ही प्लेटफॉर्म होंगे.
उन्हीं पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो बारी-बारी से रुकेंगी. स्टेशन के चार प्रवेश-निकास द्वार तेजी से तैयार किए जा रहे हैं. जिनमें से तीन के माध्यम से मैजनाइन यानी पीडी लेवल और कॉनकोर्स तक पहुंचा सकते हैं.