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BJP के दफ्तर में मुलायम की तस्वीर?, यूपी उपचुनाव के पहले नए पोस्टर वार से सपा में सेंध का प्रयास

यूपी उपचुनाव के बीच सियासी गलियारे में नई जंग छिड़ गई है. लखनऊ में बीजेपी मुख्‍यालय के बाहर मुलायम और अपर्णा यादव के पोस्‍टर से नये विवाद का जन्‍म हो गया है. बीजेपी के कमल के फूल के साथ मुलायम और अपर्णा के इस पोस्‍टर से सपा कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी है. 

अपूर्णा यादव और मुलायम के नए पोस्‍टर से वार शुरू

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अपूर्णा यादव और मुलायम के नए पोस्‍टर से वार शुरू

नया पोस्‍टर सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो रहा है. इस होर्डिंग में नेताजी को उनकी 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई है. ऐसे में सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिरकार नेताजी किसके?. अपर्णा यादव का पुराना बयान भी वायरल हो रहा है. 

 

अपर्णा और मुलायम का नया पोस्‍टर चर्चा में

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अपर्णा और मुलायम का नया पोस्‍टर चर्चा में

दरअसल, बीजेपी मुलायम सिंह यादव परिवार के ऐसे सदस्‍यों को अपने पाले में लाने में जुटी है, जो काफी समय से समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे. इन्‍हीं में से एक और नाम अनुजेश यादव का जुड़ गया. 

बीजेपी ने चला बड़ा दांव

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बीजेपी ने चला बड़ा दांव

यादव परिवार से अलग हुए अनुजेश यादव को बीजेपी ने करहल सीट से प्रत्‍याशी बनाया है. अनुजेश यादव को बीजेपी से प्रत्‍याशी बनाते हुए मुलायम परिवार में हलचल बढ़ गई थी. 

करहल सीट को लेकर फ‍िर यादव परिवार सुर्खियों में

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करहल सीट को लेकर फ‍िर यादव परिवार सुर्खियों में

वहीं, यादव परिवार से इसी सीट पर तेज प्रताप यादव चुनाव मैदान में है. यहां सीधा मुकाबला मुलायम परिवार में ही है. यादव परिवार इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दिया है. 

 

सपा से अलग होकर बीजेपी में चली गई थीं अपर्णा

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सपा से अलग होकर बीजेपी में चली गई थीं अपर्णा

इससे पहले साल 2022 में सपा से अलग होकर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद यादव परिवार को झटका भी लगा था. 

 

महिला आयोग का उपाध्‍यक्ष बनाया

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महिला आयोग का उपाध्‍यक्ष बनाया

यादव परिवार से बयानबाजी भी की गई थी. बीजेपी ने मुलायम की बहू अपर्णा यादव को महिला आयोग का उपाध्‍यक्ष भी बनाया है. हालांकि, इससे पहले हर चुनाव में अपर्णा यादव को प्रत्‍याशी बनाए जाने की संभावनाएं जताई गईं. 

अपर्णा यादव का पुराना बयान वायरल

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अपर्णा यादव का पुराना बयान वायरल

बीजेपी में आने के बाद अपर्णा यादव का एक बयान खूब वायरल हुआ. इसमें एक निजी चैनल के इंटरव्‍यू में अपर्णा यादव ने कह दिया था कि, मैं सार्वजनिक मंच पर कहना चाहती हूं कि नेता जी ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तारीफ की थी, हो सकता है कि अगर वह रहते तो आगे चलकर कहते कि कहीं सपा शायद विलय कर रही होती.

अपूर्णा यादव, कैसे सपा से अलग हुईं?

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अपूर्णा यादव, कैसे सपा से अलग हुईं?

बता दें कि अपर्णा, मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्‍नी हैं.साल 2017 में अपर्णा यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं. सपा से कोई बड़ा पद न मिलने के बाद अलग हो गई थीं. 

मुलायम ने परिवार के हर सदस्‍य को दिया सियासी मौका

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मुलायम ने परिवार के हर सदस्‍य को दिया सियासी मौका

मुलायम सिंह यादव ने अपने परिवार के हर सदस्‍य को सियासी पारी खेलने का मौका दिया. छोटे भाई को छोड़कर भतीजे, बहुएं, पोते सभी राजनीति में सक्रिय हैं. इसमें सबसे बड़ा नाम सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के रूप में अखिलेश यादव का है. 

 

अखिलेश को सौंपी पार्टी की बागडोर

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अखिलेश को सौंपी पार्टी की बागडोर

साल 2000 में पहली बार कन्‍नौज से लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्‍ली पहुंचे. इसके बाद लगातार वह सांसद विधायक रहे. इतना ही नहीं 2012 में यूपी के मुख्‍यमंत्री भी बने.  

कब-कब मुलायम कुनबे में पड़ी दरारें

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कब-कब मुलायम कुनबे में पड़ी दरारें

राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कई मौकों पर मुलायम परिवार में फूट भी दिखाई दी. मुलायम सिंह यादव हमेशा इसे भरने की कोशिश करत रहे. चाचा-भतीजे की लड़ाई पूरे प्रदेश ने देखी थी. 

चाचा-भतीजे के रिश्‍ते में आई थी खटास

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चाचा-भतीजे के रिश्‍ते में आई थी खटास

साल 2012 में सपा को पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल हुई तो मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को मुख्‍यमंत्री बना दिया. यादव परिवार में फूट की पहली कहानी यहीं से शुरू होती है. कहा जाता है कि अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव इसके खिलाफ थे.

शिवपाल और रामगोपाल यादव के बीच मन मुटाव!

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शिवपाल और रामगोपाल यादव के बीच मन मुटाव!

इसके बाद साल 2014 में शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव के बीच भी मतभेद की खबरें सामने आईं. मुलायम सिंह ने 2014 के चुनाव में फ‍िरोजाबाद से रामगोपाल यादव के बेटे को टिकट दिया. शिवपाल अपने बेटे को टिकट देना चाहते थे.