Aligarh Expressway: अब आप खंदौली से अलीगढ़ का सफर आसानी से कर सकते हैं. खंदौली-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे 1620 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा. इससे आप अलीगढ़ सिर्फ एक घंटे में पहुंच सकते हैं. 65 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे चार लेन का होगा.
इसे यमुना एक्सप्रेस-वे से सीधे जोड़ा जाएगा. फरीदाबाद और गाजियाबाद की कंपनियों को इसका टेंडर मिल गया है. आने वाले दिनों में इसे छह लेन भी किया जाएगा. जून से निर्माण कार्य शुरू होगा और दो साल में एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होगा.
एक्सप्रेस-वे के लिए 390 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. अलीगढ़ स्थित नेशनल हाईवे-91 से लेकर असरोई हाथरस तक पहले चरण का एक्सप्रेस-वे बनने वाला है. 800 करोड़ रुपये से 28 किमी लंबा एक्सप्रेस-वे बनेगा.
इस हिस्से का कार्य केआरसी कंपनी फरीदाबाद को मिला है. यह कंपनी जून से अपना काम शुरू करेगी. एक महीने में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) आगरा खंड से अनुबंध होगा. मई में मिट्टी के नमूने लेने का काम शुरू होगा.
असरोई हाथरस से खंदौली यमुना एक्सप्रेस-वे की लंबाई 37 किमी है. यह एक्सप्रेस-वे 820 करोड़ रुपये से बनेगा. जेएसपी प्रोजेक्ट प्रा. लि. गाजियाबाद को टेंडर दिया है. एक महीने में एनएचएआइ से अनुबंध होगा.
मई से कंपनी मिट्टी के नमूने लेने का कार्य चालू करेगी और जून से निर्माण शुरू होगा. एक्सप्रेसवे में एक रेल ओवर ब्रिज बनेगा. वहीं, तीन फ्लाईओवर और 55 अंडरपास का निर्माण किया जाएगा.
अलीगढ़ और हाथरस के लोगों को जेवर एयरपोर्ट का वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा. यह एक्सप्रेस-वे अलीगढ़ डिफेंस कॉरिडोर को खंदौली यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा. एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर तेजी से विकास होगा.
भले ही अलीगढ़ से खंदौली तक एक्सप्रेस-वे से एक घंटा लगेगा, लेकिन खंदौली से टेढ़ी बगिया होते हुए रामबाग चौराहा तक सफर आसान नहीं होगा. 12 किमी लंबी रोड में जाम की समस्या और बढ़ जाएगी.
अभी अलीगढ़ पहुंचने में ढाई से तीन घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने के बाद सिर्फ एक घंटे से कम का समय लगेगा. इस सफर में दो टोल बूथ भी शामिल हैं, जिन पर कभी-कभी लंबी लाइन लगेगी.