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Indian Airforce Day: गुंजन सक्सेना से मोहना सिंह तक, जंग के मैदान में चंडी से कम नहीं वायुसेना की ये योद्धा

आज देश इंडियन एयरफोर्स डे मना रहा है. ऐसे में हम आपको इंडियन एयरफोर्स की उन महिला ऑफिसर्स के बारे में बताएंगे, जिन्होंने समय-समय पर देश की जनता को गर्व का एहसास कराया है. पढ़िए

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Indian Airforce Day: आज देश इंडियन एयरफोर्स डे मना रहा है. आजादी के बाद से देश में कई ऐसे मौके आए हैं, जब वायुसेना ने भारतीयों को गर्व का अहसास कराया है. इनमें महिलाओं की भूमिका भी अहम रही है. हालांकि, पुरुष अधिकारियों के मुकाबले महिला अफसरों की मौजूदगी कम ही रही. आइए-जानते हैं पद्मावती बंदोपाध्याय, गुंजन सक्सेना, भावना कांत, शिवांगी सिंह जैसी एयरफोर्स की महिला ऑफिसर के बारे में जिन्होंने अपनी जांबाजी से देश का मान बढ़ाया है. 

1. पद्मावती बंदोपाध्याय

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1. पद्मावती बंदोपाध्याय

2020 में देश की पहली महिला एयर मार्शल डॉ. पद्मावती बंदोपाध्याय को चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था. पद्मावती का जन्म 4 नवंबर 1944 को मद्रास में हुआ और ये ग्रेटर नोएडा में रहती हैं. 1968 से 2005 तक पद्मावती ने इंडियन एयर फोर्स में रहकर देश की सेवा की. ग्रेटर नोएडा में रहने वाली डॉ पद्मावती 1971 की जंग में भी हिस्सा ले चुकी हैं. डॉ. पद्मावती को विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और राष्ट्रपति से सम्मान पदक भी मिल चुका है. 2014 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें वुमन ऑफ द ईयर के लिए चुना था.

2. गुंजन सक्सेना

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2. गुंजन सक्सेना

करगिल गर्ल के नाम से मशहूर गुंजन सक्सेना ने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान लड़ाकू विमानों से उड़ान भरी थी. उस समय भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों को युद्ध क्षेत्र में भेजा गया था. फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन ने पहली बार लड़ाकू जेट विमानों से उड़ान भरी थी. वह भी एक ऐसे क्षेत्र में जहां पाकिस्‍तानी सैनिक बुलेट और मिसाइलों से भारतीय हेलिकॉप्‍टर और एयरक्राफ्टों को देखते ही निशाना बना रहे थे. गुंजन सक्सेना पर इसी नाम से फिल्म भी बनी है, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी.

3. भावना कंठ

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3. भावना कंठ

2016 में भावना कंठ फाइटर पायलट बनीं थीं. 2018 में भावना ने अकेले लड़ाकू विमान मिग-21 उड़ाकर इतिहास रचा था. वह ऐसा करने वाली भारतीय वायुसेना की दूसरी महिला पायलट बनीं. इससे पहले फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट अकेले उड़ाकर ये करनामा किया था.

4. मोहना सिंह

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4. मोहना सिंह

मोहना सिंह भारत की पहली महिला फाइटर पायलटों में से एक हैं, जो IAF की ऐतिहासिक महिला फाइटर स्ट्रीम का हिस्सा हैं. उन्होंने मिग-21 उड़ाए और बाद में गुजरात के नलिया एयर बेस पर प्रतिष्ठित “फ्लाइंग बुलेट्स” स्क्वाड्रन में शामिल हुईं. राजस्थान के झुंझुनू में एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली सिंह ने 2019 में दिन में “हॉक” विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनकर इतिहास रच दिया था. उन्हें 2020 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

5. अवनी चतुर्वेदी

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5. अवनी चतुर्वेदी

अवनि चतुर्वेदी भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक है. वह मध्य प्रदेश के रीवा जिले से ताल्लुक रखती हैं. उन्हें अपनी दो साथियों- मोहन सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था. इन तीनों को जून 2016 में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया.

6. शिवांगी सिंह

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6. शिवांगी सिंह

फ्रांस से राफेल विमानों की खेप आने के बाद वाराणसी की बेटी शिवांगी सिंह को इसका पायलट बनाया गया था. शिवांगी ने वायुसेना की राफेल स्क्वॉड्रन की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का मुकाम हासिल किया. 2017 में चीन और पाकिस्तान को चुनौती देने वाले फ्रांसीसी राफेल की पायलट शिवांगी को भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला था. तभी से वह मिग-21 बाइसन जैसे विमान उड़ा रही हैं.

7. मानसी घनसाला

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7. मानसी घनसाला

महज 22 साल की उम्र में पौड़ी गढ़वाल की मानसी घनसाला इंडियन एयरफोर्स की फाइटर पायलट बनीं. वह इंडियन एयरफोर्स में सबसे कम उम्र की महिला फाइटर पायलट के तौर पर चुनी गई थीं.

8. सानिया मिर्जा

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8. सानिया मिर्जा

NDA की परीक्षा पास कर सानिया मिर्जा इंडियन एयरफोर्स में देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनीं थीं. उन्होंने दूसरी बार में ये बड़ा मुकाम हासिल किया था. सानिया यूपी के मिर्जापुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं.