उत्तर प्रदेश का लखनऊ-बलिया हाईवे जल्द ही फोरलेन का बनने जा रहा है. जिससे बाराबंकी, रायबरेली, सुलतानपुर, जौनपुर, आजमगढ़ और बलिया समेत कई जिलों के लोगों को जाम से राहत मिलेगी और उनके वाहन फर्राटा भर सकेंगे.
उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (UPSHA) ने लखनऊ-बलिया हाईवे को फोरलेन और सिक्स लेन में तब्दील करने की योजना बनाई है. निर्माण लागत की वसूली के लिए टोल टैक्स की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है.
लखनऊ-बलिया हाईवे अभी 7 मीटर चौड़ा है, 2013 में इसे टू-लेन (सात मीटर) में बदला गया था. हालांकि पहले यह साढ़े तीन और पांच मीटर चौड़ा था. क्योंकि यह कई शहरों से गुजरता है इसलिए इसके चौड़ीकरण की जरूरत है.
लखनऊ-बलिया हाईवे 441 किमी में फैला है, जो लखनऊ से बाराबंकी, रायबरेली, सुलतानपुर, जौनपुर, आजमगढ़ और बलिया समेत कई जिलों को जोड़ता था. जिसक वजह से इस हाईवे पर भारी ट्रैफिक रहता है. इसके चौड़ा किये जाने से वाहनों की आवाजाही सुगम और सरल हो जाएगी.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस मार्ग का 366 किमी हिस्सा पहले ही अधिग्रहित कर लिया है. अब केवल 75 किमी का हिस्सा बचा है.
लखनऊ-बलिया हाईवे को फोरलेन और सिक्स लेन में बदलने से पहले जनवरी 2024 में तकनीकी परीक्षण होगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
UPSHA इस बात का परीक्षण कर रहा है कि क्या वाहनों से टोल टैक्स के जरिए निर्माण लागत की भरपाई संभव है या नहीं.
पहले इस हाईवे का रखरखाव लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किया जा रहा था. अब इसे उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन किया जाएगा.
टू-लेन बनने के बाद मार्ग पर स्थानीय यातायात बढ़ा, जिससे ट्रैफिक जाम या वाहन रफ्तार से नहीं चल पाते थे, लेकिन अब फोरलेन हो जाने के बाद यातायात का दबाव कम हो जाएगा.
पहले इस मार्ग पर सड़क के दोनों ओर खड़ंजा होता था, जो अब हट चुका है. यह मार्ग शाहगंज, आजमगढ़, बलिया और देवरिया जैसे जिलों के लिए सीधा रास्ता है. अब इसके चौड़ीकरण से इन शहरों को आने जाने वालों को बहुत राहत मिलेगी.
UPSHA के महाप्रबंधक ने कहा कि यातायात लोड के परीक्षण के बाद ही फोरलेन और सिक्स लेन निर्माण का निर्णय लिया जाएगा. टोल प्लाजा के माध्यम से आय का आकलन भी जारी है.