प्रयागराज महाकुंभ में रात करीब 2 बजे के आसपास संगन नोज पर भगदड़ मच गई. हालात बेकाब होने से भगदड़ मच गई. इस दर्दनाक हादसे में कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर है. महाकुंभ हादसे के बाद पुलिस-प्रशासन एक्शन मोड में है.
साल 2013 में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन हुआ था. तब भी मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिन भगदड़ मची थी. 10 फरवरी को प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के चलते 36 लोगों की जान गई थी.
हरिद्वार कुंभ में भगदड़ मचने से 7 लोगों की जान जा चुकी है. दरअसल अप्रैल 2010 में हरिद्वार में कुंभ मेला लगा था. 14 तारीख को यहां मेला परिसर में भगदड़ मच गई, जिसके चलते यह दर्दनाक हादसा हुआ.
अगस्त 2003 में नासिक में कुंभ मेले का आयोजन किया गया था. जहां भगदड़ मचने से 39 लोगों की जान चली गई थी. 27 अगस्त को यह दर्दनाक हादसा हुआ.
साल 1992 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेला लगा था. उस दौरान भी भगदड़ की स्थिति देखने को मिली थी. इस दर्दनाक हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी.
आजादी के बाद 1954 में हुए कुंभ में भगदड़ मची थी. उस मेले में मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी बांध पर भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सैकड़ों श्रद्धालुओं की इस दर्दनाक हादसे में जान गई थी.
प्रयागराज महाकुंभ हादसे के बाद महाकुंभ क्षेत्र की हवाई निगरानी की जा रही है. सुरक्षा के लिहाज से मेला क्षेत्र की हवाई निगरानी की जा रही है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी हवाई निगरानी कर रहें हैं. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है, ताकि भीड़ वाले मार्ग को चिन्हित कर व्यवस्था बनाई जा सके.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम आवास पर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. वह लगातार प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र के अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं.